मुकदमे में धारा बढ़ाने के लिए 10 हजार की घूस मांग रहा था दरोगा, एसओजी टीम ने रंगे हाथों किया गिरफ्तार

पुलिसकर्मियों की ओर से की जा रही घूसखोरी से जुड़े अनेकों मामले सामने आने के बाद बुधवार शाम ऐसे ही एक घूसखोर दारोगा को गिरफ्तार किया गया। आरोपी दारोगा किसी मुकदमे में धारा बढ़वाने के नाम पर घूस की मांग कर रहा था।

/ Updated: Jun 16 2022, 02:15 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक संगठन यानी एसओजी की टीम प्रदेश के पुलिस महकमे में पल रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने में जुट गई है। मुकदमे में धारा बढ़वाने से लेकर मुकदमा खत्म कराने के बदले में पुलिसकर्मियों की ओर से की जा रही घूसखोरी से जुड़े अनेकों मामले सामने आने के बाद बुधवार शाम ऐसे ही एक घूसखोर दारोगा को गिरफ्तार किया गया। आरोपी दारोगा किसी मुकदमे में धारा बढ़वाने के नाम पर घूस की मांग कर रहा था। वहीं, पीड़ित ने मामले की जानकारी एसओजी मुख्यालय को दी। अफसरों ने मामले को गंभीरता से एक लेते हुए एक जाल बिछाया और फिर सादे कपड़ों में दारोगा की ओर से रिश्वत के नाम पर तय की गई रकम देने उसके पास पहुंच गए। दारोगा साहब अपनी जिम्मेदारी और वर्दी की गरिमा के साथ उसकी मर्यादा भूलकर रिश्वत लेने की वाले थे, कि उन्हें एसओजी की टीम ने रंगे हाथों धर दबोचा। उसके बाद कैसे दारोगा को घसीटते हुए एसओजी की टीम थाने ले गई, ये इन तस्वीरों में देखिए।

दरअसल, पूरा मामला लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र का है। जहां इलाके की गंगा विहार कॉलोनी के रहने वाले मनोज कुमार ने एसीओ मुख्यालय से शिकायत की थी कि सब इंस्पेक्टर प्रदीप यादव मुकदमे में धारा बढ़ाने के लिए 10 हजार रुपये घूस की मांग कर रहे हैं। मनोज ने आठ जून को अपने भाई मोहित कुमार के खिलाफ चिनहट थाने में मारपीट और धमकाने का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी विवेचना प्रदीप यादव को सौंपी गई थी। मनोज की इस शिकायत पर डीआईजी राजीव मल्होत्रा ने ट्रैपिंग टीम को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था। ट्रैपिंग टीम की योजना के तहत मनोज सब इंस्पेक्टर से बातचीत करके उसे पांच हजार रुपये देने पर राजी हो गया।

बुधवार को सब-इंस्पेक्टर ने मनोज को चिनहट थाना परिसर में बने CCTNS रूम के अंदर बुलाया। इसी दौरान एसीओ की टीम दो सरकारी गवाहों के साथ वहां सादे कपड़ों में पहुंच गई और सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ गाजीपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। सब-इंस्पेक्टर प्रदीप यादव जून 2021 में चिनहट थाने से तैनात था। एसओजी ने योगी सरकार के पहले कार्यकाल में 370 लोगों को भ्रष्टाचार में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। दूसरे कार्यकाल में इस वर्ष (2022) जनवरी से लेकर अब तक 25 लोगों को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वर्ष 2019 में सबसे ज्यादा 100 लोगों को घूस लेते गिरफ्तार किया गया था। विभाग के आंकड़ों के अनुसार गिरफ्तार किए गए लोगों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस व राजस्व विभाग के कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है।