रालोद का ऊन शुगर मिल पर चला धरना-प्रदर्शन, हजारों की संख्या में किसानों ने पहुंचकर दिया करोड़ों का आश्वासन

यूपी के जिले शामली में राष्ट्रीय लोकदल के बैनर तले बृहस्पतिवार को ऊन चीनी मिल पर धरना-प्रदर्शन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। रालोद विधायकों ने मिल अफसरों को बकाया गन्ना मूल्य भुगतान न करने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

/ Updated: Aug 26 2022, 11:12 AM IST

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शामली: उत्तर प्रदेश के जिले शामली में गुरुवार को राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के निर्देश के बाद ऊन शुगर मिल पर एक दिन का धरना-प्रदर्शन चला। जिसमें हजारों की संख्या में किसान पहुंचे और सभी ने अपनी बातों को रखा, 25 करोड़ रूपये के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया है। जिसमें थानाभवन आरएलडी विधायक अशरफ अली, कैराना के सपा विधायक नाहिद हसन की बहन इकरा हसन धरने में पहुंची। जहां पर उन्होंने सरकार के नुमाइंदों को जमकर कोसा, वहीं हजारों की संख्या में किसानों ने पहुंचकर अपनी मांगों को अधिकारियों के सामने रखा। 

किसानों के धरने में पहुंचे विधायक प्रसन्न चौधरी ने कहा यह किसान बिरादरी अन्नदाता जब से यहां अंग्रेज आए तब से अंग्रेजों के विरूद्ध लड़ता है। चाहे स्वतंत्रता की लड़ाई हो, चाहे किसानों की लड़ाई हो बल्कि अंग्रेजों ने कुछ व्यापारियों को कुछ जमींदारों को पाल रखा था। इन किसानों ने उनके खिलाफ लड़ाई लड़ी जिसका जीता जागता उदाहरण सरदार भगत सिंह सरछोटू राम स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह का है। उनकी नीतियों पर चलते हुए आज की सरकार इन साहूकारों के व्यापारियों के सामने नतमस्तक है। यह सरकार आत्मसमर्पण कर चुकी है, एक तरह ये हमारी देशभक्ति व राष्ट्रभक्ति पर शक करती है और सरशादी लाल के वंशजों को पन्हा देती है। इस किसान ने स्वतंत्रता के आंदोलन में हिस्सा लिया। यह किसान ऐसा किसान और मजदूर है यदि उसका एक बेटा शरद को लड़ते हुए शहीद हो जाता है और उसका शरीर तिरंगे की आन बान शान में लिपटकर जब घर आता है। ये नाम आंखों से दूसरे बेटे को भी सरहद पर लड़ने के लिए भेज देता है। 

यह अंधी सरकार इस किसान पर शक करती है और सर शादी लाल के वंशजों व्यापारियों साहूकारों को पनाह देती है। समाज के अंदर इस किसान के अंदर से आवाज आती है जब अक्टूबर नवंबर आयेगा यदि यही स्थिति फिर मिल मालिकों ने करके रखी जिस तरह पंजाब के अंदर परालिया जलाई जाती है तो यहां का किसान भी अपने घास को बचाकर किसान खड़े गन्ने में आग लगाने का कार्य करेंगे जिसकी लौ संसद भवन तक जाएगी और उसकी जिम्मेदारी सरकार व मिल मालिकों की होगी। राष्ट्रीय लोकदल की आत्मा किसान और मजदूर है। जब-जब इस देश और प्रदेश के अंदर इस किसान और मजदूर के ऊपर कोई विपत्ति आई तभी राष्ट्रीय लोकदल किसान मजदूर के कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। मिल की खस्ता सड़कों की हालत को देखते हुए कहा कि अगर ये गन्ना सत्र चलने से पहले सड़क नहीं बनी तो मिल को गन्ना नहीं दिया जायेगा।