ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग तो मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद से चिन्ह मिटाने का अंदेशा, देखें पूरी रिपोर्ट

 काशी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद श्रीकृष्ण जन्म स्थान व शाही ईदगाह मामले में न्यायालय में एक और प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। जिसमें शाही ईदगाह परिसर में मौजूद मंदिर के चिन्हों को नष्ट किए जाने का अंदेशा बताते हुए उसे सील किए जाने या वहां सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए जाने की मांग की गई है। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगली तारीख 1 जुलाई दी है। 
 

/ Updated: May 17 2022, 07:10 PM IST

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मथुरा: काशी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद श्रीकृष्ण जन्म स्थान व शाही ईदगाह मामले में न्यायालय में एक और प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। जिसमें शाही ईदगाह परिसर में मौजूद मंदिर के चिन्हों को नष्ट किए जाने का अंदेशा बताते हुए उसे सील किए जाने या वहां सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए जाने की मांग की गई है। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगली तारीख 1 जुलाई दी है। 

प्रार्थी महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र में मांग की गई कि ज्ञानवापी मस्जिद बनारस में जिस प्रकार से अवशेष मिले हैं उससे स्थिति स्पस्ट हो गयी है। यही स्थिति श्री कृष्ण जन्मभूमि की है। असली गर्भगृह शाही ईदगाह में है। वहां पर सभी हिन्दू धार्मिक चिन्ह कमल, शेषनाग, ॐ, स्वस्तिक आदि अभी भी मौजिद हैं, जिन्हें प्रतिवादिगण मिटाने के प्रयास में हैं। इस स्थिति में अगर हिन्दू अवशेषों को मिटा दिया गया तो करेक्टर ऑफ प्रोपर्टी चेंज हो जाएगा। जिससे वाद का उद्देश्य व साक्ष्य समाप्त हो जाएंगे। जिससे वादी गण की अपूरणीय क्षति होगी। मथुरा की अदालत में दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में वादी ने शाही ईदगाह में लोगों की आवाजाही पर रोक लगाने व सुरक्षा की मांग की। इसके अलावा वादी ने अदालत में दाखिल किये प्रार्थना पत्र में लिखा कि मथुरा के एसएसपी, डीएम व सीआरपीएफ के कमाण्डेन्ट को  निर्देशित किया जाए कि उक्त मुकद्दमे की प्रश्नगत सम्पत्ति यानी शाही ईदगाह को सील करें व परिसर के लिए सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करें। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल किए गए इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 1 जुलाई की तारीख नियत कर दी गई है।

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