BHU के एनएसएस व डेयरी डिपार्टमेंट के छात्रों ने गौशाला में किया श्रमदान,वातावरण को हरा-भरा करने का लिया संकल्प
काशी हिंदू विश्वविद्यालय एनएसएस एवं डेयरी डिपार्टमेंट के छात्रों द्वारा रविवार को गौशाला में श्रमदान किया गया। श्रमदान में छात्रों ने गौशाला में साफ सफाई की गायों की सेवा की। इसके उपरांत सभी ने यह शपथ ली है कि अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखेंगे और हरा-भरा करेंगे।
वाराणसी: उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी काशी में रविवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय एनएसएस एवं डेयरी डिपार्टमेंट के छात्रों द्वारा गौशाला में श्रमदान किया गया। इस श्रमदान में छात्रों ने गौशाला में साफ सफाई की। साथ ही गायों की सेवा भी की। इसके उपरांत सभी ने शपथ ली कि हम अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखेंगे और हरा-भरा करेंगे। इतना ही नहीं सकंल्प में यह भी कहा गया है कि हर रविवार को गौशाला में एनएसएस के छात्रों द्वारा श्रमदान किया जाएगा। उसके साथ ही एनएसएस के बाला लखेंद्र ने ऐलान किया कि आज से डेयरी डिपार्टमेंट में एनएसएस की दो इकाइयां घोषित की जा रही हैं। जिनके संरक्षण में यहां एनएसएस का कार्य चलेगा। इसके लिए छात्रों ने शपथ भी ली कि हम हमेशा डेरी डिपार्टमेंट को स्वच्छ हरा भरा रखेंगे।
वहीं गौशाला में श्रमदान के दौरान डेरी डिपार्टमेंट के हेड डी सी राय ने कहा कि हम डेरी डिपार्टमेंट को और भी बेहतर करेंगे एनएसएस ईकाई जोड़ने के बाद हमें और भी बल मिलेगा और हम साफ सफाई के कार्यों में लोगों को जागरूक करेंगे और इस तरह के कार्यों से आज बच्चे पसीना बहा रहे हैं। कुछ दिन बाद यहां पर जो मॉर्निंग वॉक करते हैं वह भी लोग हमारे साथ जुड़ेंगे। सुनिए उन्होंने क्या कुछ कहा चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर अभिमन्यु सिंह ने कहा कि गो सेवा एक चरित्र है जो गो सेवा से शुरू होता और जो जन कल्याण तक चलता है। बीएचयु के पास ऐसी सुविधा मिलेगी तो हर बच्चे को अनुभव करने को मिलेगा। यह कार्यक्रम हर महीने के पहले रविवार को होगा। तो सुनिए उन्होंने क्या कुछ कहा।
वहीं गौशाल में श्रमदान को लेकर छात्रा पूर्णिमा का कहना है कि वृक्षारोपण किया, गो सेवा की, घास साफ की। यह सब करके अच्छा लगा क्योंकि ऐसा लग रहा है कि मन अपने आप प्रसन्न हो रहा है। अपने जन्मदिन पर एक पौधा अवश्य लगाए। आप भी सुनिए उसने क्या कुछ कहा। बता दें कि कार्यक्रम के उपरांत छात्रों ने गौशाला के मैदान में पौधा लगाने का कार्यक्रम किया। इस कार्यक्रम में विश्व विद्यालय और विश्वविद्यालय से संबंधित अन्य महाविद्यालयों से कुल 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया।