यूपी में बुलडोज़र कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फिलहाल रोक नहीं, सरकार से मांगा हलफनामा
यूपी के कानपुर में भड़की हिंसा को लेकर आरोपितों पर प्रदेश सरकार के बुलडोज़र एक्शन पर रोक लगाने के लिए आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है, बता दें कि अब इस मामले में अगले सप्ताह सुनाई की तारीख दी गई है।
लखनऊ: भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान की आड़ में दो हफ्ते से उपद्रव तथा हिंसा करने के साथ कानून-व्यवस्था का माखौल उड़ाने वालों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक नहीं लगाई है। शीर्ष कोर्ट ने तीन दिन बाद इस प्रकरण कर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से जवाब मांगा है। अब अगले हफ्ते मंगलवार को मामले में सुनवाई होगी।
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को जेल भेजने की मांग को लेकर प्रदेश में बीते दो जुमा को भड़की हिंसा के आरोपितों की संपत्तियों पर भी बुलडोजर चलाया जा रहा है। सरकार की इस कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए सीधा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की अर्जी पर की न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ सुनवाई की है।
जानिए कोर्ट ने क्या कुछ कहा
उत्तर प्रदेश में हिंसा के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ सरकार से तीन दिनों में जवाब दाखिल करने को कहा है। इसके साथ ही बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी कार्रवाई कानूनी दायरे में होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार कहा कि कोई भी तोडफ़ोड़ की कार्यवाही कानूनी प्रक्रिया से हो। कोर्ट ने कहा कि ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि यह बदले की कार्रवाई है। अब यह कितनी सही है, हमें नहीं मालूम। यह सभी रिपोर्ट्स सही भी हो सकती हैं और गलत भी। अगर इस तरह के विध्वंस किए जाते हैं तो कम से कम जो कुछ किया जा रहा है, वह कानून की प्रक्रिया के अनुसार होना चाहिए।
जानिए याचिका में क्या कुछ कहा गया
बता दें कि याचिका में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में सरकार की ओर से की गई कार्रवाई कानून के खिलाफ है। ऐसे में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कोर्ट से मांग की है कि वह प्रदेश सरकार को आदेश दे कि इस तरह की कार्रवाई को फौरन रोका जाए। वहीं प्रदेश के आठ जिलों में हिंसा फैलाने वाले अबतक 357 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद के घर को, कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात की संपत्ति पर और हाथरस में हिंसा फैलाने वाले दो आरोपितों के घर को प्रदेश सरकार की आदेश के बाद बुलडोजर से ध्वस्त किया जा चुका है।