बवाल होगा खून बहेगा, लेकिन किसानों के ट्यूबेल पर नहीं लगेगा मीटर

कलेक्ट्रेट सभागार में यह मीटिंग प्रशासन के द्वारा विद्युत विभाग के अधिकारी व किसानों के बीच सुलह समझौते के लिए कराई गई है। वजह है विद्युत विभाग ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की ट्यूबेल पर विद्युत मीटर लगा रहा है, जबकि शामली जनपद में गांव-गांव में मीटर लगाने वाले विद्युत कर्मियों का विरोध हो रहा है। कई गांव में विद्युत कर्मियों के साथ मारपीट कर उन्हें वापस भी लौटा दिया गया है।

/ Updated: Jun 03 2022, 07:22 PM IST

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शामली: ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की ट्यूबेल पर मीटर लगाने को लेकर घमासान मचा हुआ है। विद्युत कर्मचारियों को गांव से भगाया जा रहा है। जहां विद्युत विभाग के अधिकारी ट्यूबेल पर मीटर लगाने की प्रक्रिया को किसान के हित में बता रहे हैं, वही किसान किसी भी कीमत पर अपने ट्यूबेल पर मीटर लगाने का विरोध कर रहे हैं और खून खराब है कि बात भी अब करने लगे हैं !

कलेक्ट्रेट सभागार में यह मीटिंग प्रशासन के द्वारा विद्युत विभाग के अधिकारी व किसानों के बीच सुलह समझौते के लिए कराई गई है। वजह है विद्युत विभाग ग्रामीण क्षेत्र में किसानों की ट्यूबेल पर विद्युत मीटर लगा रहा है, जबकि शामली जनपद में गांव-गांव में मीटर लगाने वाले विद्युत कर्मियों का विरोध हो रहा है। कई गांव में विद्युत कर्मियों के साथ मारपीट कर उन्हें वापस भी लौटा दिया गया है। किसानों का कहना है कि सरकार अगली पकड़ते पहुंचा पकड़ लेती है। पहले गांव में भी सस्ती बिजली देने के वादे पर घरों में मीटर लगाए गए थे, लेकिन आज उनके लिए घर की बिजली का भुगतान करना महंगा हो गया है। ट्यूबेल पर मीटर लग जाने से किसान की कमर टूट जाएगी किसानों ने यह भी चेतावनी दी है, कि मीटर उनकी लाश के ऊपर से गुजर कर लगाए जाएंगे। किसानों का कहना है कि जो प्रक्रिया पहले अपनाई जा रही है, प्रति हॉर्स पावर के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है, वही प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए। विद्युत बिल के बकाए पर किसानों का कहना है कि उनका पैसा मिल मालिकों पर बकाया है किसान अपनी पर्ची विद्युत विभाग के अधिकारियों को सौंपने को तैयार है शासन वहां से विद्युत बिलों की वसूली कर सकता है।