ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में 12 सिंतबर को होगी अगली सुनवाई, हिंदू पक्ष के वकील ने कही बड़ी बात

यूपी के वाराणसी जिले में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी विवाद मामले में बुधवार को जिला जज ए.के. विश्वेश की अदालत में सुनवाई चल रही है। अदालत में वादी, प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं समेत कुल 34 लोग मौजूद रहे। वहीं, हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि विपक्षी दल के फर्जीवाड़ा को एक्सपोज कर दिया है। 

/ Updated: Aug 24 2022, 05:09 PM IST

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वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी  में मामले में बुधवार को जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई पूरी हो गयी। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अगली तारीख 12 सितम्बर  की दी है। आज जिला जज ने वादी संख्या 2 से 5 और वादी संख्या 1 के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनी है। अपनी बहस पूरी कर कोर्ट रूम से बाहर निकले अधिवक्ता हरिशंकर जैन  ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद को आलमगीरी मस्जिद  बताने वाले मुस्लिम पक्ष के फर्जीवाड़ को आज हमने एक्सपोज  किया है।

वादी संख्या 2 से 5 तक की तरफ से कोर्ट में दलीलें रखने के बाद बाहर निकले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि मैराथन दौड़ के बाद दोनों पक्षों का आर्ग्यूमेंट समाप्त हो गया है। हो सकता है आज कोर्ट जजमेंट रिजर्व कर दे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष को जो नहीं करना चाहिए था वो उसने किया है। ज्ञानवापी मस्जिद को वक्फ संपत्ति बताने वाले डाक्यूमेंट के तौर पर उन्होंने कोर्ट के सामने आलमगीरी मस्जिद का वक्फ बोर्ड का डाक्यूमेंट रखा जो कि बिंदु माधव के मंदिर पर बनाई गयी है।

उन्होंने कहा कि ये एक तरह का मुस्लिम पक्ष ने फर्जीवाड़ा किया जिसे आज हमने अपनी डालियों और दस्तावेजों से एक्सपोज कर दिया। एक तरह से कोर्ट को मुस्लिम पक्ष ने मिसगाइड करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि मस्जिद मंदिर तोड़कर बनाई गयी है यह अवशेषों से साफ़ झलकता है और मंदिर मस्जिद कभी नहीं हो सकता। हम लोग अवशेष का पूजन करते आ रहे थे। ऑर्डर 7 रूल 11 भी यहां नहीं लगता क्योंकि 15 अगस्त 1947 से लेकर 1993 तक हमने अवशेषों की पूजा की है और उस समय की मुलायम सिंह सरकार ने बैरीकेडिंग करके हमें अंदर जाने से रोका। हमारी लड़ाई राज्य सरकार से है।

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