वाराणसी: जेल में सिखाई जा रही जान बचाने की कला, जानिए क्यों दी जा रही सीपीआर की ट्रेनिंग 

वाराणसी में जेल में कैदियों और रक्षकों को जान बचाने की कला सिखाई जा रही है। कैंप लगाकर उन्हें सीपीआर की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह प्रशिक्षण यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन की ओर से दिया जा रहा है। 

/ Updated: Aug 10 2022, 02:29 PM IST

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जो हाथ किसी ने किसी अपराध से रंगे हुए होते हैं वो हाथ अब जीवन बचाने की कला सिख रहे हैं। हम बात कर रहे हैं उन कैदियों की जो किसी न किसी अपराध के कारण जेलों में बंद हैं। मामला दरअसल ये है कि बनारस के जेलों में बंद कैदी अब जेलों में बंद अन्य कैदियों की जीवन बचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं जिसके अंतर्गत उन्हें सीपीआर की ट्रेनिंग दी जा रही है।

तस्वीरें वाराणसी के जिला जेल और सेंट्रल जेल की है। जहाँ लगभग 200 पुलिसकर्मी,बन्दी रक्षक और कैदियों को जीवन रक्षा मन्त्र का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये प्रशिक्षण उन्हें बनारस में यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन व इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन दे रहा है। अभियान की शुरुआत इच वन सेव वन के अंतर्गत दिया जा रहा है। अक्सर देखा जाता है कि दुर्घटना ,हार्ट अटैक और अन्य मेडिकल इमरजेंसी में में पहला 10 मिनट का समय काफी महत्वपूर्ण होता है इस दस मिनट में यदि पहला रेस्पॉस मिल जाता है तो मरीज बच सकता है ऐसे में जेल में ऐसी घटनाएं अक्सर होती हैं जहाँ कोई कोई कैदी या अन्य बन्दी रक्षक की हालत खराब होती है उन्हें अस्पताल तक लेने जाने में जो समय लगता है उस समय में यदि प्रथम उपचार मिल जाये तो जान बच सकती है।