वृंदावन: होली में हर रोज बे-मौत मारा जा रहा 'कोरोना', रंगभरनी एकादशी पर दिखा गजब नजारा

वीडियो डेस्क। बृज की लट्ठमार होली के बारे में तो आपने सुना ही होगा। मथुरा के बरसाने में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को बरसाने में लट्ठमार होली मनाई जाती है। नवमी के दिन यहां रंग, गुलाल के साथ लट्ठ भी बरसते हैं। ये लट्ठमार होली देश और विदेश में प्रसिद्ध है। फूलों रंगो के साथ साथ यहां डंडों से पीटकर कर भी होली की परंपरा निभाई जाती है। पहले बरसाने और फिर नंदगांव में ये होली खेली जाती है। वहीं आज एकादशी के दिन बृज में जमकर रंग बरसे, क्या परिक्रमा मार्ग, क्या बांके बिहारी मंदिर और हर कोने कोने पर सिर्फ कृष्ण की भक्ति दिखाई दी। कृष्ण भक्ति में सुध बुध भूल लोग कोरोना को भी भूल गए। होली में किसी के चेहरे पर मास्क नहीं दिखाई दिया। 

/ Updated: Mar 25 2021, 02:42 PM IST

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वीडियो डेस्क। बृज की लट्ठमार होली के बारे में तो आपने सुना ही होगा। मथुरा के बरसाने में फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को बरसाने में लट्ठमार होली मनाई जाती है। नवमी के दिन यहां रंग, गुलाल के साथ लट्ठ भी बरसते हैं। ये लट्ठमार होली देश और विदेश में प्रसिद्ध है। फूलों रंगो के साथ साथ यहां डंडों से पीटकर कर भी होली की परंपरा निभाई जाती है। पहले बरसाने और फिर नंदगांव में ये होली खेली जाती है। वहीं आज एकादशी के दिन बृज में जमकर रंग बरसे, क्या परिक्रमा मार्ग, क्या बांके बिहारी मंदिर और हर कोने कोने पर सिर्फ कृष्ण की भक्ति दिखाई दी। कृष्ण भक्ति में सुध बुध भूल लोग कोरोना को भी भूल गए। होली में किसी के चेहरे पर मास्क नहीं दिखाई दिया।