रामनवमी के मौके पर अयोध्या में दिखा अद्भुत नजारा, श्री राम की भक्ति के समुद्र में गोते लगाते रहे श्रद्धालु
श्री राम जन्मोत्सव को लेकर पिछले सप्ताह भर से अयोध्या में उत्सव का माहौल है। रविवार की भोर रोज से पहले सरयू का घाट आबाद था। हर -हर महादेव जय श्री राम की ध्वनि दिन चढ़ने तक पावन सलिला सरयू के तट से गूंजती रही ।श्रद्धा की डगर सरयू तट से अयोध्या के रामलला के दरबार कनक भवन हनुमानगढ़ी नागेश्वरनाथ जैसे मंदिरों की ओर बढ़ती दिखी।
अयोध्या: रविवार दोपहर 12 बजे अयोध्या में घंटे घड़ियाल की गगनभेदी ध्वनि के बीच गूंजने लगा। भए प्रकट कृपाला दीन दयाला..... तो कुछ पल के लिए जैसे जनमानस ठहर सा गया। मंदिरों की देहरी पर लंबी कतारें हाथ जोड़े अपने आराध्य को अपलक निहार रही थी। सरयू तट से लेकर रामजन्मभूमि परिसर स्थित गर्भ ग्रह तक राम ही राम। भीड़ ऐसी कि जैसे राम नगरी में कोई महाकुंभ हो। अवसर था चैत्र रामनवमी में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का। आराध्य के प्राकट्य की बेला में 'देखो- देखो सुहानी घड़ी आई हो। आज अवध में बाजे बधाई हो' व जन्म लियो मेरे रघुराई अवधपुरी में बहार आई, आदि बधाई गीतों पर श्रद्धालु झूमते- नाचते रहे।
श्री राम जन्मोत्सव को लेकर पिछले सप्ताह भर से अयोध्या में उत्सव का माहौल है। रविवार की भोर रोज से पहले सरयू का घाट आबाद था। हर -हर महादेव जय श्री राम की ध्वनि दिन चढ़ने तक पावन सलिला सरयू के तट से गूंजती रही ।श्रद्धा की डगर सरयू तट से अयोध्या के रामलला के दरबार कनक भवन हनुमानगढ़ी नागेश्वरनाथ जैसे मंदिरों की ओर बढ़ती दिखी। दोपहर होते-होते अयोध्या के मंदिरो में देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालुओं की कतारें लग गई। हर किसी को इंतजार था तो आराध्य श्री राम के जन्म के सजीव दृश्य को देखने का। घड़ी की सुई ने 12 बजाएं तो अयोध्या की पावन भूमि से श्रद्धा और विश्वास की धारा प्रवाहित होने लगी। कनक भवन में आयोजित श्री राम जन्मोत्सव के साथ मंदिरों से एक साथ गूंजने लगा जय श्री राम का नारा ।घंटे घड़ियाल और शंख की ध्वनि के बीच श्रद्धा का उफान श्रद्धालुओं में चढ़ा तो जो जहां था वहीं ठहर गया। कुछ समय के लिए लगा कि अयोध्या में समय रुक गया है। अयोध्या राम मय हो गई ।प्रतीकात्मक जन्म के बाद बधाई और सोहर गाए जाने लगे।