रोज ठीक से दांतों को साफ करने से न केवल मुंह का हाइजीन ठीक रहता है, बल्कि इससे हार्ट से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा भी कम होता है। एक रिसर्च स्टडी से यह पता चला है।
आम तौर पर मौसम बदलने के दौरान सर्दी-खांसी की समस्या होती है। कई बार इसके साथ बुखार भी हो जाता है। लेकिन तेज बुखार के साथ अगर खांसी हो रही हो तो हो सकता है कि यह न्यूमोनिया हो। यह इन्फेक्शन की वजह से होता है।
आजकल रिलेशनशिप बनाते हुए लोगों को काफी सावधान रहना पड़ता है। कई पार्टनर स्वार्थी और धोखेबाज होते हैं। अगर वक्त रहते उनकी पहचान नहीं कर ली जाए तो वे गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बढ़ते वजन की समस्या से परेशान हो कर कुछ लोग वजन कम करने के ऐसे तरीके अपनाने लगते हैं, जिनसे वजन तो कम नहीं होता, उलटे नुकसान होने लगता है। इसलिए वजन कम करने के पहले किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी होता है।
सोशल फोबिया एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते हैं। सोशल फोबिया के शिकार लोग समाज में लोगों से कम ही घुलते-मिलते हैं और अकेला रहना पसंद करते हैं, लेकिन इससे उनमें तनाव की समस्या पैदा हो जाती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि एचआईवी और एड्स के इलाज के लिए अगले साल फरवरी में नई मेडिसिन लाई जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि उसका लक्ष्य साल 2030 तक एचआईवी और एड्स को पूरी तरह समाप्त कर सतत विकास के लक्ष्य (Sustainable Development Goal) को हासिल करना है।
2 दिसंबर को भारत में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2-3 दिसंबर की रात यूनियन कार्बाइड कारखाने में जहरीली गैस लीक होने से मारे गए हजारों लोगों की याद में मनाया जाता है। इसके मनाने का उद्देश्य यह है कि लोगों को प्रदूषण के बढ़ते खतरे के प्रति जागरूक किया जा सके।
चुकंदर को ज्यादातर सलाद के रूप में खाया जाता है। यह काफी पौष्टिक होता है। इसकी चटनी भी बहुत टेस्टी होती है। चुकंदर की चटनी आसानी से तैयार की जा सकती है।
अक्सर माना जाता है कि ब्रेकअप का असर महिलाओं पर ज्यादा बुरा होता है, क्योंकि वे पुरुषों की तुलना में अधिक संवेदनशील होती हैं। लेकिन यह सच नहीं है। कई पुरुषों पर भी ब्रेकअप का इतना बुरा असर होता है कि वे डिप्रेशन में चले जाते हैं।
1 दिसंबर को पूरी दुनिया में एचआईवी संक्रमण के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत जेम्स डब्ल्यू बून और थॉमस नेटर ने साल 1988 में की थी।