कैसे होता Lok Sabha Speaker का चुनाव, कितना पावरफुल होता है यह पद - Watch Video
लोकसभा अध्यक्ष के पद को लेकर किसके नाम का ऐलान होगा यह चर्चाएं लगातार जारी हैं। लोकसभा अध्यक्ष के पास तमाम ऐसे शक्तियां होती हैं जिसके चलते इस पद को लेकर गहमागहमी जारी है।
24 जून तो 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरूआत हो रही है। इस दौरान सभी नवनिर्वाचित सांसद शपथ ग्रहण करेंगे। इसी के साथ लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी गहमागहमी जारी है। इंतजार किया जा रहा है कि जल्द एनडीए लोकसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार की घोषणा करें। वहीं इस बीच विपक्ष के द्वारा लोकसभा में उपाध्यक्ष पद की मांग की जा रही है और चेतावनी भी दी जा रही है कि अगर सरकार किसी विपक्षी नेता को उपाध्यक्ष बनाने पर सहमत नहीं हुई तो लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव लड़ा जाएगा। आपको बता दें कि लोकसभा देश की सर्वोच्च विधायसी संस्था है और सदन के कामकाज को संचालित करने के लिए अध्यक्ष को चुना जाता है।
लोकसभा अध्यक्ष बनने के लिए पहली शर्त है कि स्पीकर को सदन का सदस्य होना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष के साथ पीठासीन अधिकारियों और उपाध्यक्ष का चयन सदन के सदस्यों द्वारा साधारण बहुमत के आधार पर किया जाता है। आमतौर पर सत्ताधारी दल के सदस्य ही स्पीकर पद के लिए चुने जाते हैं। परंपरा के मुताबिक सत्ताधारी दल के नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद ही अध्यक्ष पद के उम्मीदवार की घोषणा होती है। उम्मीदवार का फैसला होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री या प्रधानमंत्री अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव रखते हैं। उसके बाद सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना जाता है। अगर सदस्य एकमत न हो तो अध्यक्ष चयन के लिए वोटिंग करवाई जाती है।