Rajasthan Board 10th Result : कर्ज तो किसी ने झाड़ू पोछा कर बच्चों को भेजा स्कूल, टॉप कर रचा इतिहास

राजस्थान में 10वीं का रिजल्ट घोषित होने के साथ ही टॉपर्स की कई ऐसी कहानियां भी सामने आई जिन्होंने लोगों को हैरान किया है। यह कहानियां टॉपर्स के संघर्षों की है।

/ Updated: Jun 01 2024, 01:09 PM IST
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माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान ने हाल ही में दसवीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी किया है। इन परिणामों में कई ऐसे बच्चों ने टॉप किया है जिन्होनें बेहद अभावों में पढ़ाई की है, कुछ की आर्थिक हालत तो इतनी खराब है कि कर्ज तक लेने पड़े। किसी के पास रहने को मकान तक नहीं था तो मंदिर में रहकर पढ़ाई की। टॉपर्स की ये टफ कहानियां हैरान करने वाली हैं। 

मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले देवी दान सिंह की कहानी किसी हिंदी फिल्म से कम नहीं है। देवी दान सिंह के पिता की पंद्रह साल पहले मौत हो गई। उनकी मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। मां ने कर्ज लेकर बेटे को पढ़ने के लिए सीकर भेजा और वहां बेटे ने टॉप कर लिया। उसने सीकर में 600 में से 595 नंबर हासिल किए हैं। मां को अच्छा जीवन देने की इच्छा है। उधर झुझुनूं जिले के चिडावा क्षेत्र में गौशाला के नजदीक एक छोटे से मंदिर में रहने वाले सुमित शर्मा ने 98 फीसदी से ज्यादा नंबर हासिल किए है। मां पिंकी देवी के साथ रहने वाले सचिन के पास अपना मकान तक नहीं है। सरकारी स्कूल में पढ़ रहे सचिन और मां का जैसे तैसे जीवन यापन हो रहा है। लेकिन अब बेटे के नंबरों ने मां को गर्व से भर दिया है। 

जयपुर में रहने वाली मामूनी विश्वास की कहानी भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। मां 17 साल से लोगों के घरों में झाडू पोंछा कर रही है। पिता टाइल लगाने का काम करते हैं। कभी काम मिलता है कभी नहीं। बेटी ने घर का काम कर करीब 94 फीसदी नंबर हांसिल किए हैं। वह अफसर बन अपने माता पिता को अच्छा जीवन देना चाहती है।