हाथरस हादसे की 3 सबसे बड़ी वजह, पांव छूने की होड़ में लगा लाशों का अंबार
हाथरस में हुई घटना के बाद जांच पड़ताल जारी है। इस बीच पांव छूने के लिए मची होड़ समेत हादसे के 3 प्रमुख कारण सामने आए हैं। बताया जा रहा है बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से ही हादसा हुआ।
हाथरस में जिस आयोजन के दौरान हादसा सामने आया उसे भक्ति कहें या अंधभक्ति यह समझ से परे है। पांव छूने की होड़ में लोग ऐसा मदहोश हुए कि हो रही मौतों की ओर भी उन्होंने ध्यान नहीं दिया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि एक ओर पांव छूने की होड़ थी तो दूसरी ओर सेवादारों की बंदिशें। जैसे ही लोग इन बंदिशों को तोड़कर भागे तो काल के गाल में समां गए। किसी का सीना कुचल गया तो कोई सांस ही न ले पाया।
आपको बता दें कि दोपहर दो बजे सत्संग के समाप्त होने के बाद हाईवे किनारे खड़ी बसों की ओर भीड़ बढ़ी। राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और यूपी के तमाम जिलों से यहां लोग आए हुए थे। भीड़ के बीच माइक से ऐलान हुआ कि बाबा के काफिले को गुजरने का रास्ता दिया जाए। इसके बाद सेवादारों का जत्था भीड़ को रोककर खड़ा हो गया। भीड़ बार-बार दिक्कत का जिक्र करती रही लेकिन सेवादार पहले बाबा के काफिले को निकालने में लगे रहें। इसी बीच बाबा के चरण और गाड़ी को स्पर्श करने की होड़ मची और धक्का-मुक्की हुई। सेवादारों ने डंडा दिखाकर लोगों को रोकना चाहा तो भगदड़ मच गई।
इस बीच लोग मरते रहे लेकिन बाबा और उनके कारिंदे गाड़ियों से भागते रहे। बाबा के काफिले में तकरीबन 10 गाड़ियां थी उसी के उनकी सुरक्षा दस्ता की भी तीन गाड़ियां थी। घटना के बाद आयोजकों ने बाबा को फोन किया तो उनका फोन ही रिसीव नहीं हुआ। इस बड़े हादसे की वजह की बात की जाए तो इसके सिर्फ 3 कारण समझ में आते हैं। पहला कि भक्तों में बाबा के पांव छूने की होड़ थी और सेवादारों की बंदिशों के बावजूद वह भागे और हादसा हुआ। वहीं दूसरी कारण यह भी है कि भगदड़ के बीच हाईवे के किनारे बड़े गड्ढे में लोग गिरते चले गए। बरसात के कारण फिसलन से लोगों के गिरने और दबने का मामला सामने आया। वहीं तीसरा कारण यह भी समझ में आ रहा है कि सत्संग समाप्त होने के बाद गर्मी और उमस से लोगों ने दौड़ लगा दी।