शोधकर्ताओं का दावा एंटी-कोविड स्प्रे 48 घंटे तक कोरोना से बचाएगा, वीडियो में देखें इसको यूज करने का तरीका


वीडियो डेस्क। दुनियाभर में कोरोना संकट बरकरार है. हर दिन रिकॉर्ड स्तर पर कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं और संक्रमितों की जान जा रही है। दुनिया के 218 देशों में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 6 लाख 59 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. वहीं 11,085 लोगों की मौत भी हुई है। ऐसे में ब्रिटेन में जल्द ही एंटी-कोविड नेजल स्प्रे बाजार में उपलब्ध कराया जा सकता है। इस स्प्रे की मदद से नाक तक दवा पहुंचाई जाएगी जो 48 घंटे तक इंसान को कोरोना से बचाएगी। स्प्रे में ऐसा केमिकल का प्रयोग किया गया है जो कोरोना को इंसानी कोशिकाओं से जुड़ने की क्षमता को कमजोर करता है।इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी का कहना है, स्प्रे का इस्तेमाल हाई रिस्क जोन में मौजूद लोगों पर किया जा सकता है, जैसे हेल्थकेयर वर्कर, फ्लाइट्स या क्लासरूम।


कैसे काम करेगा एंटी-कोविड स्प्रे
स्प्रे में कैरेगीनेन और गैलेन जैसे रसायनाें का प्रयोग किया गया है जो स्प्रे को गाढ़ा बनाते हैं। दावा है कि ये केमिकल इंसानों के लिए सुरक्षित हैं और इनका प्रयोग करने के लिए अप्रूवल मिल चुका है।इस रिसर्च से जुड़े डॉ. रिसचर्ड मोएक्स कहते हैं, स्प्रे में ऐसे रसायन हैं जिनका इस्तेमाल आमतौर पर फूड और मेडिसिन में किया जाता है। गैलेन रसायन नाक के अंदर पहुंचते ही एक लेयर बना देता है।लेयर बनने के बाद अगर कोरोनावायरस नाक में पहुंचता है तो यह लेयर वायरस पर चढ़ जाती है और छींक या किसी झटके से नाक के बाहर फेंक दिया जाता है। या फिर इंसान निगल जाता है लेकिन शरीर को कोई नुकसान नहीं होता।

/ Updated: Nov 22 2020, 12:58 PM IST

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वीडियो डेस्क। दुनियाभर में कोरोना संकट बरकरार है. हर दिन रिकॉर्ड स्तर पर कोरोना संक्रमण के मामले आ रहे हैं और संक्रमितों की जान जा रही है। दुनिया के 218 देशों में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 6 लाख 59 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं. वहीं 11,085 लोगों की मौत भी हुई है। ऐसे में ब्रिटेन में जल्द ही एंटी-कोविड नेजल स्प्रे बाजार में उपलब्ध कराया जा सकता है। इस स्प्रे की मदद से नाक तक दवा पहुंचाई जाएगी जो 48 घंटे तक इंसान को कोरोना से बचाएगी। स्प्रे में ऐसा केमिकल का प्रयोग किया गया है जो कोरोना को इंसानी कोशिकाओं से जुड़ने की क्षमता को कमजोर करता है।इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी का कहना है, स्प्रे का इस्तेमाल हाई रिस्क जोन में मौजूद लोगों पर किया जा सकता है, जैसे हेल्थकेयर वर्कर, फ्लाइट्स या क्लासरूम।


कैसे काम करेगा एंटी-कोविड स्प्रे
स्प्रे में कैरेगीनेन और गैलेन जैसे रसायनाें का प्रयोग किया गया है जो स्प्रे को गाढ़ा बनाते हैं। दावा है कि ये केमिकल इंसानों के लिए सुरक्षित हैं और इनका प्रयोग करने के लिए अप्रूवल मिल चुका है।इस रिसर्च से जुड़े डॉ. रिसचर्ड मोएक्स कहते हैं, स्प्रे में ऐसे रसायन हैं जिनका इस्तेमाल आमतौर पर फूड और मेडिसिन में किया जाता है। गैलेन रसायन नाक के अंदर पहुंचते ही एक लेयर बना देता है।लेयर बनने के बाद अगर कोरोनावायरस नाक में पहुंचता है तो यह लेयर वायरस पर चढ़ जाती है और छींक या किसी झटके से नाक के बाहर फेंक दिया जाता है। या फिर इंसान निगल जाता है लेकिन शरीर को कोई नुकसान नहीं होता।