डिजिटल गैजेट्स की लत बच्‍चों को बना रही बीमार, एक्सपर्ट की इन टिप्स को अभी से करें फॉलो

आज के दौर में डिजिटल गैजेट्स का इस्‍तेमाल  ज्‍यादा बढ़ने लगा है। इसके गंभीर परिणाम भी सामने आ रहे हैं। बच्चे भी इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं।  स्‍क्रीन एडिक्‍शन से बच्‍चों में भाषा और बोलने की प्रक्रिया का विकास बाधित हो सकता है। इस मामले में एक्‍पर्ट भी चेतावनी दे चुके हैं कि भारतीय बच्‍चों में स्‍मार्टफोन, टैबलेट, आईपैड और लैपटॉप की वजह से कई तरह की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। बच्चे सबसे ज्यादा स्क्रीन वाले गेजेट्स जैसे-टीवी, मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट आदि के आदी हो रहे हैं. यही वजह है कि बच्‍चे बहुत कम उम्र में ही कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से घिरने लगे हैं। डॉक्टर विनिता रामनानी  एम.एस ऑफ्थेल्मोलॉजी, भोपाल, म.प्र. ने हमें बताया कि इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना है। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो बच्चे टीवी और मोबाइल पर ज्यादा समय बिताते हैं, उनकी क्रिएटिविटी कम हो जाती है. यह उनके मानसिक विकास के लिए बेहतर नहीं है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि बच्चों का गैजेट्स के प्रति एडिक्शन खत्म किया जाए।
 

/ Updated: Jul 20 2020, 05:49 PM IST
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वीडियो डेस्क।आज के दौर में डिजिटल गैजेट्स का इस्‍तेमाल  ज्‍यादा बढ़ने लगा है। इसके गंभीर परिणाम भी सामने आ रहे हैं। बच्चे भी इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं।  स्‍क्रीन एडिक्‍शन से बच्‍चों में भाषा और बोलने की प्रक्रिया का विकास बाधित हो सकता है। इस मामले में एक्‍पर्ट भी चेतावनी दे चुके हैं कि भारतीय बच्‍चों में स्‍मार्टफोन, टैबलेट, आईपैड और लैपटॉप की वजह से कई तरह की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं। बच्चे सबसे ज्यादा स्क्रीन वाले गेजेट्स जैसे-टीवी, मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट आदि के आदी हो रहे हैं. यही वजह है कि बच्‍चे बहुत कम उम्र में ही कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से घिरने लगे हैं। डॉक्टर विनिता रामनानी  एम.एस ऑफ्थेल्मोलॉजी, भोपाल, म.प्र. ने हमें बताया कि इससे बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना है। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि जो बच्चे टीवी और मोबाइल पर ज्यादा समय बिताते हैं, उनकी क्रिएटिविटी कम हो जाती है. यह उनके मानसिक विकास के लिए बेहतर नहीं है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि बच्चों का गैजेट्स के प्रति एडिक्शन खत्म किया जाए
 
बच्‍चों को सिखाएं सीमित इस्‍तेमाल
डिजिटल गैजेट्स का इस्‍तेमाल जहां बच्‍चों को नित नई जानकारियां देता है, वहीं इसके जरूरत से ज्‍यादा इस्‍तेमाल से स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कई चुनौतियां भी पनप रही हैं. ऐसे में बच्‍चों को इसका सीमित और सुरक्षित इस्‍तेमाल सिखाया जाना चाहिए।

अन्‍य एक्टिविटी में करें शामिल
विशेषज्ञों के मुताबिक गैजेट्स का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल बच्‍चों में कई तरह की बीमारियों को पैदा करता है. इससे बच्चों के कंधों और गर्दन में दर्द, मांसपेशियों में सूजन हो जाती है. इसके अलावा छोटे-छोटे बच्चों की आंखों पर चश्मा लगने लगा है और उनकी आंखों में आए दिन कई समस्‍याएं होने लगी हैं. बच्‍चों को इनकी लत से दूर रखने के लिए उन्‍हें कुछ ऐसी एक्टिविटी में शामिल करने की पहल करें कि मोबइल, टीवी आदि से दूर रहें  उन्‍हें कुछ घरेलू काम में लगाएं।