2 इन वजहों से बढ़ता है ब्लड प्रेशर-बढ़ता है हार्टअटैक का खतरा, डॉ. से समझें इस साइलेंट किलर से बचने के उपाय
वीडियो डेस्क। हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर। यह एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है और लोग इसे आम समस्या समझते हैं। इसे साइलेंट किलर कहते हैं। इसलिए आज हम आपको हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर के कारण और उसके उपचार के बारे में बता रहे हैं। आखिर किसी व्यक्ति में ये क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में बता रही है मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सिटी हॉस्पिटल की डॉक्टर अंजु गुप्ता।
वीडियो डेस्क। हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर। यह एक ऐसी बीमारी है जो तेजी से बढ़ रही है और लोग इसे आम समस्या समझते हैं। इसे साइलेंट किलर कहते हैं। इसलिए आज हम आपको हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर के कारण और उसके उपचार के बारे में बता रहे हैं। आखिर किसी व्यक्ति में ये क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में बता रही है मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सिटी हॉस्पिटल की डॉक्टर अंजु गुप्ता।
हाइपरटेंशन के मुख्य कारण
-जब शरीर में बहुत अधिक फैट यानी वसा जमा होने लगती है तो रक्त का प्रवाह बाधित होता है। साथ ही ऑक्सीजन भी ठीक तरह से शरीर की हर कोशिका तक नहीं पहुंच पाती है।
-जिन लोगों की लाइफस्टाइल बहुत लेजी होती है, आमतौर पर उन्हें भी हाइपरटेंशन की समस्या का सामना करना पड़ता है। क्योंकि इस स्थिति में हार्ट को पंप करने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिससे हाइपरटेंशन की स्थितियां बनती हैं।
-इस तरह मोटापे के कारण आपके शरीर में इस तरह की स्थितियां बनने लगती हैं कि आपके दिल पर दबाव बढ़ता जाता है। इसकी शुरुआत आपके दिल की धमनियों यानी आर्टरीज से होती है।
-तंबाकू, शराब, सिगरेट का सेवन करनेवाले लोगों में हाइपरटेंशन की समस्या अधिक देखी जाती है। तंबाकू खाने से हार्ट की आर्टरीज यानी धमनियां अपनी लचक खोने लगती हैं और मोटी तथा कठोर होने लगती हैं। इसका रक्त प्रवाह पर बुरा असर पड़ता है।
इन बीमारियों में होती है हाइपरटेंशन की समस्या
-जिन लोगों के जीवन में तनाव बहुत अधिक होता है या जो लोग चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं, उन्हें हाइपरटेंशन की समस्या का सामना करना पड़ता है।
-शुगर के मरीजों और गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी हाइपरटेंशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
-कई बार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को इस स्थिति का सामना करना पड़ता है। जो महिलाओं गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करती हैं, उनमें भी यह समस्या हो सकती है।