ऑफिस का प्रेशर, बजट की चिंता से बढ़ रही भूलने की आदत, एक्सपर्ट ने बताया ये है अल्जाइमर बीमारी के लक्षण
वीडियो डेस्क। आजकल रोजमर्रा की जिंदगी में अक्सर व्यक्ति भूलने की आदत पर अफसोस करता है। कभी लास्ट डेट पर बिल जमा कराना भूल जाता है तो कोई घर लौटते समय सब्जी लाना भूल जाता है। विशेषज्ञ इसे बदलती दिनचर्या व व्यस्त जिंदगी का प्रभाव बता रहे हैं। डॉ. अंजु गुप्ता के मुताबिक अल्जाइमर का मरीज धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन इस बीमारी को जल्दी पहचान लिया जाए तो मरीज की बेहतर देखभाल की जा सकती है। साठ साल की उम्र के बाद अल्जाइमर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। मरीज के दिमाग की 90 फीसदी तक कोशिकाएं मर जाती हैं। इस वजह से मरीज की स्मरण शक्ति खत्म हो जाती है। इस तरह के पेशेंट बढ़ रहे हैं। इसका एक कारण जेनेटिक भी है। उन्होंने कहा, बच्चों व युवाओं के भी ऐसे मामले आते हैं। अल्जाइमर्स के लक्षण मिलने पर डाक्टरी जांच अवश्य कराएं। विशेषज्ञों के अनुसार पौष्टिक आहारों से बढ़ती दूरी स्मरण शक्ति को कमजोर कर रही है। उनके अनुसार स्वस्थ दिनचर्या, खान-पान में पौष्टिक आहार व योगा-एक्सरसाइज स्मरण शक्ति को बढ़ाने में कारगर हैं।
वीडियो डेस्क। आजकल रोजमर्रा की जिंदगी में अक्सर व्यक्ति भूलने की आदत पर अफसोस करता है। कभी लास्ट डेट पर बिल जमा कराना भूल जाता है तो कोई घर लौटते समय सब्जी लाना भूल जाता है। विशेषज्ञ इसे बदलती दिनचर्या व व्यस्त जिंदगी का प्रभाव बता रहे हैं। डॉ. अंजु गुप्ता के मुताबिक अल्जाइमर का मरीज धीरे-धीरे अपनी याददाश्त खोने लगता है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन इस बीमारी को जल्दी पहचान लिया जाए तो मरीज की बेहतर देखभाल की जा सकती है। साठ साल की उम्र के बाद अल्जाइमर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। मरीज के दिमाग की 90 फीसदी तक कोशिकाएं मर जाती हैं। इस वजह से मरीज की स्मरण शक्ति खत्म हो जाती है। इस तरह के पेशेंट बढ़ रहे हैं। इसका एक कारण जेनेटिक भी है। उन्होंने कहा, बच्चों व युवाओं के भी ऐसे मामले आते हैं। अल्जाइमर्स के लक्षण मिलने पर डाक्टरी जांच अवश्य कराएं। विशेषज्ञों के अनुसार पौष्टिक आहारों से बढ़ती दूरी स्मरण शक्ति को कमजोर कर रही है। उनके अनुसार स्वस्थ दिनचर्या, खान-पान में पौष्टिक आहार व योगा-एक्सरसाइज स्मरण शक्ति को बढ़ाने में कारगर हैं।