India@75: कहानी राजगुरु की जिन्हें भगत सिंह और सुखदेव के साथ फांसी की सजा सुनाई गई

राजगुरु भगत सिंह के हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल हुए थे। राजगुरु उन क्रांतिकारियों में से थे जो देश के लिए हंसते हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दें। राजगुरु ने खुद को अंग्रेजों की प्रताड़ना के सहने के लिए इतना मजबूत बनाया हुआ था वे गर्म लोहे की छड़ों को पकड़ लेते थे।

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राजगुरु का जन्म महाराष्ट्र के भीमा नदी के तट पर खेड़ में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता का नाम हरिनारायण राजगुरु और माता का नाम पार्वती देवी था। राजगुरु गांधी जी के आदर्शों अहिंसक संघर्ष में विश्वास नहीं करते थे। राजगुरु भगत सिंह के हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल हुए थे। राजगुरु उन क्रांतिकारियों में से थे जो देश के लिए हंसते हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दें। राजगुरु ने खुद को अंग्रेजों की प्रताड़ना के सहने के लिए इतना मजबूत बनाया हुआ था वे गर्म लोहे की छड़ों को पकड़ लेते थे। राजगुरु ने भगत सिंह और सुखदेव के साथ मिलकर लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए एक पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की हत्या कर दी थी। तीनों को एक साथ फांसी की सजा सुनाई गई थी। जानिए राजगुरु की कहानी। 

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