दो हुकुम सिंह को मिला एक ही नंबर का बैंक A/C, एक पैसा डालता-दूसरा मोदी की कृपा समझकर निकालता रहा
मध्य प्रदेश के भिंड जिले में बैंक की गलती ने खामख्वाह 'सरकार' को बदनाम करा दिया। बैंक के बाबू ने दो लोगों को एक ही नंबर का खाता दे दिया। नतीजा, एक शख्स खाते में पैसे डालता रहा, तो दूसरा इसे 'मोदीजी' की नेमत समझकर खर्च करता रहा।
भोपाल(मप्र). यह विचित्र मामला भिंड जिले के आलमपुर कस्बे में स्थित SBI बैंक से जुड़ा है। यहां एक बाबू की गलती के कारण दो लोगों को एक ही नंबर का खाता मिल गया। इसके बाद गड़बड़ी यह हुई कि एक शख्स खाते में पैसा डालता रहा, तो दूसरा उसे मोदीजी का उपकार समझकर खर्च करता रहा। उसने सुन रखा था कि मोदीजी हर खाते में 15 लाख रुपए डलवाने वाले हैं। इस शख्स को यही लगा कि उसके खाते में पैसा मोदीजी ही डलवा रहे हैं। बस, फिर क्या था..वो खुशी-खुशी पैसा निकालता रहा और खर्च करता रहा।
बाबू की गलती: दरअसल, दोनों खाताधारक का नाम हुकुम सिंह है। पैसा डालने वाला हुकुम रूरई गांव में रहता है। वहीं पैसा खर्च करने वाला रोनी गांव से है। दोनों ने बैंक में खाता खुलवाया। बाबू ने पासबुक प्रिंट करवाते वक्त इसका ध्यान नहीं रखा। उनका नाम, पता और खाता नंबर एक ही दे दिया। बाद में सिर्फ दोनों ने फोटो अपने-अपने लगा लिए। रूरई गांव का हुकुम सिंह रोजी-रोटी के सिलसिले में हरियाणा चला गया। वहां से वो अपने खाते में पैसा जमा करता रहा। यहां रोनी गांव के हुकुम सिंह को लगा कि मोदी जी खाते में पैसा डलवा रहे हैं। वो खुशी-खुशी पैसा निकालकर खर्च करता रहा। वो पूरे 6 महीने तक पैसा निकालता रहा। इस दौरान उसने रूरई के हुकुम सिंह के 89 हज़ार रुपए निकालकर खर्च डाले।
यूं हुआ खुलासा: मामले का खुलासा तब हुआ, जब रूरई गांव के हुकुम सिंह ने कोई जमीन खरीदी। 16 अक्टूबर को वो पैसे निकालने बैंक पहुंचा। वो अब तक 1 लाख 40 हजार रुपए जमा करा चुका था। लेकिन उसके खाते में सिर्फ 35 हजार 400 रुपए बचे थे। उसने बैंक में इसकी शिकायत की, तो बैंकवालों ने मामले को दबाने की कोशिश की। हालांकि अब बैंक मैनेजर राजेश सोनकर ने कहा कि रूरल गांव के हुकुम सिंह को उसका पैसा वापस मिल जाएगा।