संक्रमित मां ने जब देखी नवजात बच्ची की पहली झलक, कोरोना संकट का वो वीडियो जो आंखे नम कर देगा

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कोरोना संक्रमण एक मां और उसकी ममता के बीच में आ गया। मां ने जिस बच्ची को नौ महीने अपने गर्भ में रखा। उसके दुनिया में आने के बाद वह उसकी एक झलक नहीं देख पाई। हालांकि, तकनीक ने मां के दर्द को कुछ कम कर दिया। डॉक्टर कुलकर्णी ने बताया कि इसके बाद मोबाइल से वीडियो कॉल करके मां को बेटी की पहली झलक दिखलाई गई। यह काफी भावुक करने वाला पल था। कॉल के दौरान मां के भी चेहरे पर मुस्कुराहट दिखाई दी और बच्ची भी खुश दिखी। बच्ची को देख मां अपने आंसू नहीं रोक सकी। यह खुशी के आंसू थे। यहां चिकलथाना इलाके में स्थित सिविल हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला 16 अप्रैल को भर्ती हुई। महिला मुंबई से आई थी। इसलिए, डॉक्टरों ने उसकी कोरोना जांच की। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद 18 अप्रैल को महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। क्योंकि, महिला को संक्रमण था, इसलिए तुरंत बच्ची को अलग कर दिया। महिला को कोरोना वार्ड में एडमिट कर दिया गया।

/ Updated: Apr 25 2020, 06:11 PM IST
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वीडियो डेस्क। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कोरोना संक्रमण एक मां और उसकी ममता के बीच में आ गया। मां ने जिस बच्ची को नौ महीने अपने गर्भ में रखा। उसके दुनिया में आने के बाद वह उसकी एक झलक नहीं देख पाई। हालांकि, तकनीक ने मां के दर्द को कुछ कम कर दिया। डॉक्टर कुलकर्णी ने बताया कि इसके बाद मोबाइल से वीडियो कॉल करके मां को बेटी की पहली झलक दिखलाई गई। यह काफी भावुक करने वाला पल था। कॉल के दौरान मां के भी चेहरे पर मुस्कुराहट दिखाई दी और बच्ची भी खुश दिखी। बच्ची को देख मां अपने आंसू नहीं रोक सकी। यह खुशी के आंसू थे। यहां चिकलथाना इलाके में स्थित सिविल हॉस्पिटल में एक गर्भवती महिला 16 अप्रैल को भर्ती हुई। महिला मुंबई से आई थी। इसलिए, डॉक्टरों ने उसकी कोरोना जांच की। रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद 18 अप्रैल को महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। क्योंकि, महिला को संक्रमण था, इसलिए तुरंत बच्ची को अलग कर दिया। महिला को कोरोना वार्ड में एडमिट कर दिया गया।

हॉस्पिटल की नर्सों ने की बच्ची की देखभाल
डॉक्टरों ने बच्ची की कोरोना जांच कराई। उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद बच्ची की देखभाल हॉस्पिटल की नर्सों ने की। हॉस्पिटल के सर्जन डॉ. सुंदर कुलकर्णी की महिला की नार्मल डिलीवरी का प्रयास किया गया। लेकिन, शारीरिक जटिलता को देखते हुए उनका ऑपरेशन करना पड़ा। बच्ची के जन्म के बाद पांच दिन बीत चुके थे। महिला ने अपनी बच्ची की झलक तक नहीं देखी थी। वह बार-बार अपनी बच्ची को देखने का कह रही थी।