सरयू राय से पहले इस नेता ने पहली बार दिग्गज CM को हराकर बनाया था रिकॉर्ड

झारखंड में हाल ही में हुए विधानसभा बीजेपी के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही गढ़ जमशेदपुर ईस्ट में हारा दिया। ये झारखंड समेत पिछले कुछ विधानसभा चुनाव के नतीजों का सबसे बड़ा उलटफेर है। 

/ Updated: Dec 27 2019, 06:32 PM IST

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झारखंड में हाल ही में हुए विधानसभा बीजेपी के बागी और निर्दलीय उम्मीदवार सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को उनके ही गढ़ जमशेदपुर ईस्ट में हारा दिया। ये झारखंड समेत पिछले कुछ विधानसभा चुनाव के नतीजों का सबसे बड़ा उलटफेर है। हालांकि झारखंड में ये कारनामा पहली बार नहीं हुआ है। सरयू राय से पहले झारखंड में ऐसा दो बार हुआ। पिछले चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बीजेपी की लुईस मरांडी ने हरा दिया था।
बहरहाल इस बार झारखंड की तमाड़ विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें थीं। ये वही सीट है जिसके लिए कथित तौर पर पूर्व मंत्री रमेश मुंडा की हत्या करा दी गई थी। ये वही सीट है जहां से उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरन को हराकर गोपाल कृष्ण पातल उर्फ राजा पीटर ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी।
विधायक रमेश सिंह मुंडा तमाड़ से जदयू विधायक थे। रमेश सिंह मुंडा बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में मंत्री भी रहे चुके थे। तमाड़ सीट की ये कहानी शुरू हुई 9 जुलाई 2008 को। जब विधायक रमेश सिंहर मुंडा बुंडू के एसएस हाईस्कूल में खेल समारोह में भाग लेने गए थे। तभी साजिश के तहत माओवादियों ने आकर स्कूल में फायरिंग शुरू कर दी और रमेश सिहं मुंडा को मौत के घाट उतार दिया गया। इस हादसे में विधायक के दो बॉडीगार्ड  और एक युवक की भी मौत हो गई। लेकिन एक बॉडीगार्ड शेषनाथ बच गया लेकिन इस बॉडिगार्ड का बचना महज एक इत्तेफाक नहीं था। बल्कि इस साचिश का आरोपी था।
इस साजिश में कई नामों का खुलासा हुआ जिसमें राजा पीटर का भी नाम अहम था। राजा पीटर कभी टाटा-स्टील कंपनी में एक अफसर के पद पर था। लेकिन नौकरी को छोड़कर राजनिति में सक्रिय हुआ और दो बार चुनाव भी लड़ा। लेकिन तमाड़ की नब्ज को पहचान चुके रमेश सिंह मुंडा को चुनाव में हराना राजा पीटर के लिए चुनौती था। आरोप है कि राजा पीटर ने चुनाव जीतने के लिए माओवादियों के साथ रमेश मुंडा की हत्या की साजिश रची। मुंडा की हत्या के बाद राजा पीटर का सपना पूरा हुआ और तमाड़ से दो बार विधायक चुना गया।
राजा पीटर झारखंड के पहले विधायक थे जिन्होंने उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को हराकर जीत दर्ज की थी। कहा जाता है कि माओवादियों ने भी चुनाव में उनकी मदद की।
रमेश सिंह मुंडा की हत्या का खुलासा तब हुआ जब 27 मई 2017 को कुख्यात माओवादी कुंदन पाहन ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। एनआईए ने 9 अक्तूबर 2017 को हत्याकांड का खुलासा करते हुए पूर्व मंत्री राजा पीटर को गिरफ्तार किया था।
एनआईए की चार्जशीट में जिक्र है कि बुंडू थाने में हत्या से संबंधित कांड 65/2008 का अनुसंधान एनआईए ने अगस्त महीनें में शुरू किया था। जांच के दौरान तथ्य सामने आया कि राजा पीटर ने रमेश सिंह मुंडा की हत्या की साजिश राजनीतिक लक्ष्य पाने की वजह से करायी। फिलहाल राजा पीटर जेल में बंद है। जेल से ही उसने विधानसभा के लिए एनसीपी से चुनाव में उतरा था। हालांकि उसे बुरी हार का सामना करना पड़ा।