
मंदिर नहीं दे पा रहा अपने कर्मचारियों को सैलरी
वीडियो डेस्क। दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। कोरोना महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन में मंदिर को 400 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। मंदिर के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वह रोजाना के खर्चे उठा सके और कर्मचारियों को वेतन दे सके।
वीडियो डेस्क। दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में शुमार तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है। कोरोना महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन में मंदिर को 400 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। मंदिर के पास इतना पैसा भी नहीं है कि वह रोजाना के खर्चे उठा सके और कर्मचारियों को वेतन दे सके।
अधिकारियों ने बताया कि मंदिर प्रशासन ने लॉकडाउन में पहले ही 300 करोड़ रुपये कर्मचारियों को वेतन-पेंशन देने और अन्य जरूरी तय चीजों के लिए खर्च कर दिया है। ऐसे में प्रशासन मंदिर के नाम से रिजर्व 8 टन सोना और 1400 करोड़ रुपये की फिक्स डिपॉजिट को हाथ लगाए बिना इस गंभीर आर्थिक संकट से उबरने के रास्ते तलाश रहा है।
मंदिर की मासिक आया 200 से 220 करोड़ रूपये है लेकिन लॉकडाउन के चलते मंदिर श्रृद्धालु के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है जिसकी वजह से मंदिर के राजस्व में भारी कमी आई है। बताया जा रहा है कि तिरुपति मंदिर ने साल 2020-21 वित्तीय वर्ष के लिए 3,309 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था। लेकिन 20 मार्च से मंदिर बंद होने के बाद अकेले हंडी कलेक्शन में ही मंदिर को 150 से 175 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके अलावा दर्शन के टिकटों की बिक्री भी बंद है और प्रसाद, दान और आवास से मिलने वाले राजस्व पर भी ग्रहण लगा है।
अगर तिरुपति मंदिर कर्मचारियों के वेतन और भत्तों की बात की जाए तो इसके लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1385 करोड़ रुपये तय किए गए थे। लॉकडाउन के दौरान राजस्व की आमद बंद होने के बाद भी मंदिर 120 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इन सबके अलावा मंदिर द्वारा संचालित अस्पताल समेत अन्य संस्थाओं को भी तकरीबन 400 करोड़ की वित्तीय सहायता मंदिर द्वारा दी जाती है।