ख़्वाबों की आवाज़ सुनो

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जब रास्ते थकाने लगें, जब शक़ दिल में घर करने लगे,तो एक छोटी सी आवाज़ हमें याद दिलाती है —क्यों चले थे, कहाँ से चले थे।"ख़्वाबों की आवाज़ सुनो" एक नज़्म है,उन सभी सपनों के लिए जो हमने कभी अपने हाथों में थामे थे।जो हमने कभी दुनिया से छुपा लिए थे,और फिर भी हर दिन हमें पुकारते रहे।AsiaNet News Hindi और Vineet KKN 'Panchhi' के साथNews Se Break में आज —सपनों की उसी आवाज़ को फिर से सुनने का वक़्त।अगर कभी थक जाएं, डर जाएं,तो बस याद रखना —ख़्वाब कहते हैं... चलते रहना।

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