बर्फ की चादर ओड़े ये है Santa claus का गांव, यहां सिर्फ बच्चों की चिट्टियां और खिलौनों का भंडार है
वीडियो डेस्क। क्रिसमस, सैंटा क्लोज, 25 दिसंबर ये नाम तो आपने खूब सुने होंगे। साथ ही सैंटा क्लोज से जुड़ी कई कहानियों से आप रूबरू हुए होंगे। कौन हैं सैंटा, कहां से आते हैं क्यों इतने सारे गिफ्ट लाते हैं और आधी रात को आने का क्या कारण है। इस सवालों के जवाब तो आपको पता ही होंगे। कि सैंटा एक ऐसे इंसान थे जो चाहते थे कि जीसस के बर्थडे पर हर गरीब और अमीर खुश रहे।
वीडियो डेस्क। क्रिसमस, सैंटा क्लोज, 25 दिसंबर ये नाम तो आपने खूब सुने होंगे। साथ ही सैंटा क्लोज से जुड़ी कई कहानियों से आप रूबरू हुए होंगे। कौन हैं सैंटा, कहां से आते हैं क्यों इतने सारे गिफ्ट लाते हैं और आधी रात को आने का क्या कारण है। इस सवालों के जवाब तो आपको पता ही होंगे। कि सैंटा एक ऐसे इंसान थे जो चाहते थे कि जीसस के बर्थडे पर हर गरीब और अमीर खुश रहे। वो बच्चों को खुश करने के लिए आधी रात को गिफ्ट बांटते थे। ताकि कोई उन्हें गिफ्ट बांटते हुए देख नहीं पाए। इन सबके बीच क्या आपने कभी सैंटा के गांव के बारे में सुना है। जहां लोग चिट्टियां भेजते हैं। इतना ही नहीं बच्चों को उनकी भेजी चिट्ठी का जवाब भी मिलता है। आइये आपको सैंटा के गांव के बारे में बताते हैं। जहां क्रिसमस सेलिब्रेशन की शुरुआत 23 दिसंबर सैंटा इज ऑन हिज वे इवेंट से होती है।