कोरोना से लड़ने में मदद करेंगे सूर्य देव...रोज चढ़ाएं एक लौटा जल

वीडियो डेस्क। इस बार 5 अप्रैल, रविवार को रवि प्रदोष का योग बन रहा है। रविवार भगवान सूर्य का दिन है और प्रदोष तिथि भगवान शिव को समर्पित है। 5 अप्रैल को रवि प्रदोष के शुभ योग में अगर सूर्यदेव को विधि-विधान से अर्घ्य दिया जाए तो इससे भोलेनाथ भी प्रसन्न होते हैं। ये है सूर्यदेव को जल चढ़ाने की विधि-

/ Updated: Apr 04 2020, 06:52 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क। इस बार 5 अप्रैल, रविवार को रवि प्रदोष का योग बन रहा है। रविवार भगवान सूर्य का दिन है और प्रदोष तिथि भगवान शिव को समर्पित है। 5 अप्रैल को रवि प्रदोष के शुभ योग में अगर सूर्यदेव को विधि-विधान से अर्घ्य दिया जाए तो इससे भोलेनाथ भी प्रसन्न होते हैं। ये है सूर्यदेव को जल चढ़ाने की विधि-
भविष्य पुराण के अनुसार, सुबह स्नान के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें, इसमें चावल, फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।
जल अर्पित करते समय सूर्य मंत्र का जाप करें। इस जाप के साथ शक्ति, बुद्धि, स्वास्थ्य और सम्मान की कामना करना चाहिए। सूर्य मंत्र - ऊँ खखोल्काय स्वाहा। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
इस प्रकार सूर्य पूजा करने के बाद धूप, दीप से सूर्य देव का पूजन करें।
सूर्य से संबंधित चीजें जैसे तांबे का बर्तन, पीले या लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन आदि का दान करें।
अपनी श्रद्धानुसार इन चीजों में से किसी भी चीज का दान किया जा सकता है। इससे कुंडली में सूर्य के दोष दूर हो सकते हैं।
सूर्य दोष के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए रविवार को व्रत करें। एक समय फलाहार करें और सूर्यदेव की पूजा करें।