शरद पूर्णिमा की उजेरी रात में ही किए जाते हैं ये उपाय, हर परेशानी का हल है सिर्फ ये एक काम

वीडियो डेस्क। इस बार 30 अक्टूबर, शुक्रवार को शरद पूर्णिमा है। धर्म ग्रंथों में शरद पूर्णिमा का काफी अधिक महत्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा, कोजागरी या कोजागर पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। जानिए ज्योतिष के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात में कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे बुरा समय और पैसों की कमी दूर हो सकती है...

/ Updated: Oct 30 2020, 02:38 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क। इस बार 30 अक्टूबर, शुक्रवार को शरद पूर्णिमा है। धर्म ग्रंथों में शरद पूर्णिमा का काफी अधिक महत्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा, कोजागरी या कोजागर पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। जानिए ज्योतिष के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात में कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे बुरा समय और पैसों की कमी दूर हो सकती है...
उपाय- 1
शरद पूर्णिमा की रात में महालक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। इसके लिए कमल के गट्टे की माला से जाप करना चाहिए।
मंत्र- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम:।
उपाय- 2
शिवजी ने अपने मस्तक पर चंद्र धारण किया हुआ है, इसीलिए शिवजी की पूजा से चंद्रदेव भी प्रसन्न होते हैं और कुंडली के चंद्र संबंधी दोष भी दूर होते हैं। इस पूर्णिमा पर शिवजी के लिए यह उपाय करेंगे तो लक्ष्मी कृपा प्राप्त हो सकती है।
शरद पूर्णिमा की रात में आप शिवजी को खीर का भोग लगाएं। खीर घर के बाहर या छत पर चंद्र के प्रकाश में रखकर बनाएं। भोग लगाने के बाद खीर का प्रसाद ग्रहण करें। इस उपाय से मानसिक शांति तो मिलेगी। साथ ही, आर्थिक लाभ मिल सकता है। यह खीर स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद रहती है।
उपाय- 3
शरद पूर्णिमा की रात में हनुमानजी के सामने चौमुखा दीपक जलाएं। इसके लिए आप मिट्टी का एक दीपक लें और उसमें तेल या घी भरें। इसके बाद दीपक में रुई की बत्तियां ऐसे लगाएं कि बत्तियों को चारों ओर से जलाया जा सके। दीपक लगाने के साथ ही हनुमान चालीसा का जाप करें। यदि हनुमान चालीसा का जप नहीं कर पा रहे हैं तो सीताराम-सीताराम या श्रीराम के नाम का जप करें।