EXCLUSIVE: 10 साल की उम्र में घर छोड़ने से लेकर किन्नर अखाड़े की पीठाधीश्वर बनने की कहानी,वीडियो

किन्नरों की समाज में काफी उपेक्षा होती है। लेकिन किन्नर अखाड़े ने ये साबित कर दिया कि किन्नर भी इसी समाज के अंग होते हैं। सनातन धर्म में उनकी भी भागेदारी और अधिकार है। ये कहना है किन्नर अखाड़े की प्रयागराज पीठाधीश्वर टीना मां का। टीना मां ने ASIANET NEWS HINDI से बात की। इस दौरान उन्होंने वो तमाम बातें शेयर किया जो एक किन्नर को समाज में सहना पड़ता है।

/ Updated: Jan 17 2020, 03:48 PM IST

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प्रयागराज(Uttar Pradesh ). किन्नरों की समाज में काफी उपेक्षा होती है। लेकिन किन्नर अखाड़े ने ये साबित कर दिया कि किन्नर भी इसी समाज के अंग होते हैं। सनातन धर्म में उनकी भी भागेदारी और अधिकार है। ये कहना है किन्नर अखाड़े की प्रयागराज पीठाधीश्वर टीना मां का। टीना मां ने ASIANET NEWS HINDI से बात की। इस दौरान उन्होंने वो तमाम बातें शेयर किया जो एक किन्नर को समाज में सहना पड़ता है। किन्नर अखाड़े की पीठाधीश्वर टीना मां ने अपनी जिंदगी से जुड़े हुए वो पहलू हमसे शेयर किये जिनके बाद वह एक साधारण से अनुशासित परिवार से निकलकर आज किन्नर अखाड़े की पीठाधीश्वर बन गई हैं। किन्नर समाज पर उनके द्वारा बताई गई बातें सुनिए उन्ही की जुबानी...