काशी में पानी की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रशासन ने बनाया खास प्लान, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से मिलेगी राहत
गंगा प्रदूषण नियंत्रण जेक्ट मैनेजर एसके रंजन ने बताया कि ये प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इसकी क्षमता दोगुनी हो जाएगी। वर्तमान में इसकी क्षमता 125 एमएलडी है जो बढ़कर 250 एमएलडी हो जाएगी। इसके दो फायदे होंगे एक तो जहां जहां पानी की कमी है या पानी कम मिल रहा है वहां बेहतर पानी की आपूर्ति होगी।
वाराणसी: गंगा प्रदूषण नियंत्रण जेक्ट मैनेजर एसके रंजन ने बताया कि ये प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद इसकी क्षमता दोगुनी हो जाएगी। वर्तमान में इसकी क्षमता 125 एमएलडी है जो बढ़कर 250 एमएलडी हो जाएगी। इसके दो फायदे होंगे एक तो जहां जहां पानी की कमी है या पानी कम मिल रहा है वहां बेहतर पानी की आपूर्ति होगी। साथ ही लोग जो भूगर्म जल का दोहन ट्यूबवेल के माध्यम से हो रहा है, उसके निर्भर्ता में भी कमी आएगी।
बताया कि इससे गंगा से पानी की आपूर्ति भी बढ़ेगी। गंगा से जो पानी हम लेगें उसे शुद्ध करने के लिए भेलूपुर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बन रहा है। मानक के अनुरुप पानी को शुद्ध करने के बाद इसकी सप्लाई की जाएगी। वहीं सीवर लाइन की व्यवस्था पर उन्होंने बताया कि कई क्षेत्र ऐसे हैं जो नगर निगम से जुड़े हैं, पर वहां सीवर लाइन की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा जो 84 ग्राम नगर निगम में जुड़े हैं वो बिलकुल नये हैं वहां सीवरेज की व्यवस्था नहीं है।
अमृत योजना के तहत हमलोगों ने शीर्ष वरुणा में एक 225 करोड़ का डीपीआर पहले ही भेज रखा है। ट्रांस वरुणा में भी 167 करोड़ का डीपीआर भेजा गया है। अमृत योजना 2.0 के तहत है जो नये ग्राम जुड़े हैं उसकी डीपीआर बनाने की कार्रवाई चल रही है। जितनी भी नई जगहें जुड़ी है सभी जगह आने वाले समय में सीवर लाइन की समस्य खत्म हो जाएगी।
सीवर की समस्या के लिए लोगों ने जो सोक पीट बना रखे हैं उसे खाली करने के लिए रमना में को ट्रीटमेंट प्लान की व्यवस्था हो रही है। इसका निर्माण कार्य अभी चल रहा है। ये कार्य पूरा होने के बाद जनता के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। उस पर कॉल करने पर गाड़ी उनके घर जाएगी और सोकपीट में जो मलजल होगा उसे साफ कर देगी। ये प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क होगा। यहां से जो अपशिष्ट निकलेंगे उसे रमना में ट्रीटमेंट के बाद खाद व फर्टिलाइजर के रुप में इस्तेमाल किया जाएगा।