भाइयों की कलाई पर सजेंगी देशी टेराकोटा की राखियां, भारत ही नहीं विदेशों में भी धूम मचाने की है तैयारी

गोरखपुर के टेराकोटा प्रोडक्टस इन दिनों बाजारों में झूम मचा रहे हैं। भाइयों की कलाई पर बंधने के लिए टेराकोटा की राखियां पूरी तरह से तैयार हैं। इनकी डिजाइन, रंगत और फिनिशिंग देखकर किसी को भी यकीन नहीं होगा कि इन्हें मिट्टी से बनाया गया है। 

/ Updated: Jul 16 2022, 03:49 PM IST

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गोरखपुर के फेमस टेराकोटा के प्रोडक्ट्स बाजारों में धूम मचा रहे हैं। अब मिट्टी की ज्वेलरी के बाद भाइयों की कलाइयों पर सजने को टेराकोटा की राखियां भी तैयार हो गई हैं। इनकी डिजाइन, रंगत और फिनिशिंग ऐसी की देखकर आपको यकीन ही नहीं होगा कि ये मिट्टी से बनाई गई हैं। इस बार रक्षाबंधन में मिट्टी से बनी इन राखियों की डिमांड काफी बढ़ गई है। टेराकोटा शिल्पकार पहली मिट्टी की राखियां बना रहे हैं। खास बात यह है, कि रक्षाबंधन से काफी पहले ही उन्हें इन राखियों के अच्छे आर्डर भी मिल रहे हैं। दिल्ली की रहने वाली डॉ. भावना अग्रवाल ने टेराकोटा से जुड़ी महिलाओं को अपनी तरफ से डिजाइन देकर बड़े पैमाने पर टेराकोटा की राखियां बनवाईं हैं। उन्होंने करीब 1 हजार राखियों का आर्डर दिया है।

इसी को लेकर इसकी प्रदर्शनी लगाई गई, प्रदर्शनी में मिट्टी से बनी रंग-बिरंगी राखियों की खरीदारी भी की जा सकेगी। भावना का कहना है, कि घर में रखे टेराकोटा की मूर्तियों की खूबसूरती की लोगों से मिली तारीफ से उनके मन मे इस शिल्प की राखियों को बनवाने का ख्याल आया। खास बात यह है कि यह राखियां देखने में जितनी यूनिक और खूबसूरत हैं, इनके रेट उतने ही कम हैं। टेराकोटा से बनी राखियों की कीमत 50 रुपए से लेकर 250 रुपए तक है। इन राखियों को बनाने में मिट्टी, लोहे के पतले तार, वॉटरप्रूफ पेंट, वॉरनिश पॉलिश, सूती धागे और ऊन का यूज किया गया है। इसे बनाने के बाद इन राखियों को बिलकुल रेडिमेड पैकिंग में पैक किया जा रहा है। इन राखियों को बनाने में शिल्पकारों ने किसी सांचे का यूज नहीं किया, बल्कि यह पूरी तरह हैंड मेड राखी है।