क्या आप जानते हैं Kashi Vishwanath Corridor के अंदर की खासियत, देखें VIDEO

काशी विश्वनाथ का मंदिर अब गंगा से सीधे जुड़ गया है। श्रद्धालु जलासेन घाट, मणिकर्णिका और ललिता घाट पर गंगा स्नान कर सीधे बाबा धाम में प्रवेश कर सकेंगे। विशालकाय बाबा धाम के 3 यात्री सुविधा केंद्रों में श्रद्धालुओं को अपना सामान सुरक्षित रखने, बैठने और आराम की सुविधा मिलेगी।

/ Updated: Dec 13 2021, 02:45 PM IST

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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट (Kashi Vishwanath Corridor) के उद्घाटन के लिए बनारस में हैं। आज वो पूरा दिन यहां कई सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों का हिस्सा बनने वाले हैं। पीएम सुबह वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां उनका सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया था। क्रूज से ललिता घाट पहुंचकर वह सीधे गंगा में डुबकी लगाने पहुंचे। जहां उन्होंने गंगा स्नान किया और सूर्य नमस्कार किया। डुबकी लगाने के बाद गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया।

पीएम ने यहां काल भैरव मंदिर में पूजा-अर्चना की और गंगा नदी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दिया. बता दें कि विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले चरण का आज उद्घाटन हो रहा है। यहां एक खास दरवाजा बनाया जा रहा है, यह दरवाजा उस विश्वनाथ कॉरिडोर का द्वार खोलता है जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। 

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीकार किया जनता का अभिवादन 

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी की सड़कों पर एक व्यक्ति से एक पगड़ी और दुपट्टा स्वीकार किया। प्रधानमंत्री की कार एक संकरी गली से गुजरी जिसमें लोगों की भीड़ नारे लगाते हुए उनका अभिवादन कर रही थी। वहीं एक समर्थक ने उन्हें पगड़ी और माला चढ़ाने का प्रयास किया। जब उनकी सुरक्षा ने उस व्यक्ति को वापस पकड़ने की कोशिश की, तो प्रधानमंत्री ने व्यक्ति का अभिवादन स्वीकार किया।

3,000 वर्ग फीट क्षेत्रफल था पहले

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का क्षेत्रफल पहले 3,000 वर्ग फीट था। लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत से मंदिर के आसपास की 300 से ज्यादा बिल्डिंग को खरीदा गया। इसके बाद 5 लाख वर्ग फीट से ज्यादा जमीन में लगभग 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से निर्माण किया गया। हालांकि, निर्माण कार्य अभी जारी है। इसमें प्रमुख रूप से गंगा व्यू गैलरी, मणिकर्णिका, जलासेन और ललिता घाट से धाम आने के लिए प्रवेश द्वार और रास्ता बनाने का काम है। गौरतलब है कि धाम के लिए खरीदे गए भवनों को नष्ट करने के दौरान 40 से अधिक मंदिर मिले। उन्हें विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट के तहत नए सिरे से संरक्षित किया गया है।

श्रद्धालुओं के लिए सहूलियतों को समझें 10 प्वाइंट्स में

काशी विश्वनाथ का मंदिर अब गंगा से सीधे जुड़ गया है। श्रद्धालु जलासेन घाट, मणिकर्णिका और ललिता घाट पर गंगा स्नान कर सीधे बाबा धाम में प्रवेश कर सकेंगे।
विशालकाय बाबा धाम के 3 यात्री सुविधा केंद्रों में श्रद्धालुओं को अपना सामान सुरक्षित रखने, बैठने और आराम की सुविधा मिलेगी।
कला और संस्कृति की नगरी काशी में कलाकारों के लिए एक और सांस्कृतिक केंद्र की सौगात मिलेगी। दो मंजिला इमारत सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए है।
विश्वनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं के लिए योग और ध्यान केंद्र के रूप में वैदिक केंद्र को स्थापित किया गया है।
धाम क्षेत्र में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओें के लिए स्प्रिचुअल बुक सेंटर धार्मिक पुस्तकों का नया केंद्र होगा।
श्रद्धालुओं के लिए बाबा की भोगशाला भी स्थापित की गई है। यहां एक साथ 150 श्रद्धालु बैठकर बाबा विश्वनाथ का प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।
सनातन धर्म में काशी में मोक्ष की मान्यता है। विश्वनाथ धाम में मुमुक्षु भवन बनाया गया है। इससे लगभग 100 कदम की दूरी पर महाश्मशान मणिकर्णिका है।
विश्वनाथ धाम में प्रवेश के लिए 4 विशालकाय द्वार बनाए गए हैं। पहले यहां सिर्फ सकरी गलियां थीं।
सुरक्षा के लिए हाईटेक कंट्रोल रूम बनाया गया है। पूरे धाम क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
धाम में आपातकालीन चिकित्सा सुविधा से लेकर एंबुलेंस तक की व्यवस्था रहेगी।

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