मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा पढ़ने की छूट मांग रहे थे कार्यकर्ता, पुलिस के रोकने पर जताया विरोध

ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं को एसीपी सुरक्षा चक्रपाणि त्रिपाठी ने विश्वनाथ धाम गेट नंबर-4 पर रोक दिया और उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। महापरिषद के 30 से अधिक कार्यकर्ता के साथ मंदिर में जाकर हनुमानचालीसा और बजरंग बाण के पाठ की अनुमति मांग रहे थे। फिलहाल पुलिस ने उन्हें मंदिर में दर्शन-पूजन की छूट दी पर अंदर हनुमान चालीसा का पाठ करने की छूट नहीं दी।

/ Updated: Jun 06 2022, 07:12 PM IST

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वाराणसी: ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं को एसीपी सुरक्षा चक्रपाणि त्रिपाठी ने विश्वनाथ धाम गेट नंबर-4 पर रोक दिया और उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। महापरिषद के 30 से अधिक कार्यकर्ता के साथ मंदिर में जाकर हनुमानचालीसा और बजरंग बाण के पाठ की अनुमति मांग रहे थे। फिलहाल पुलिस ने उन्हें मंदिर में दर्शन-पूजन की छूट दी पर अंदर हनुमान चालीसा का पाठ करने की छूट नहीं दी। 

बता दें कि ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद के कार्यकर्ताओं ने पिछले सोमवार को विश्वनाथ मंदिर स्थित नन्दी जी का पूजन व सामुहिक शिव ताण्डव का पाठ व 51 किलो का माला से अभिनन्दन किया था। प्रशासन के इस रवैया क्षुब्ध कार्यकर्ताओं ने बुलानाला स्थित दक्षिणमुखी हनुमानजी के समक्ष हनुमान चालीसा का पाठ करके ज्ञानवापी की मुक्ति का संकल्प लिया  ।

इस दौरान मौजूद सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष राजा आनन्द ज्योति सिंह ने बताया कि हम हिन्दुवों के लिए यह बहुत दुःख की बात है कि हमें अपने ही मंदिर में पूजन व पाठ के लिए रोका जा रहा है, जबकी वही मस्जिद में पूर्वांचल के जिलों से हजारों की संख्या में लोग आकर नमाज पढ़ रहे हैं। न्यूटन पाण्डेय ने कहा कि जिस मंदिर में कोई विवाद नही है वहाँ भी पूजन व पाठ के लिए अनुमति लेना पड़े तो यह शर्म की बात है। 1868 में सैमुएल बॉर्न के चित्र में ज्ञानवापी में हनुमानजी का भी विग्रह था। इसकी जांच होनी चाहिए कि उन्हें किसने हटाया व कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

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