कब्रिस्तान की जमीन कर रखा था अवैध कब्जा, शामली के थानाभवन में चला योगी का बुलडोजर

शामली जनपद के कस्बा थानाभवन में कब्रिस्तान में अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण पर एसडीएम शामली राजस्व विभाग की टीम के साथ बुलडोजर लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि थानाभवन की कालरु पट्टी में स्थित कब्रिस्तान में करीब 13 सौ वर्ग मीटर कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर कब्जा करने की सूचना मिली थी। 

/ Updated: Apr 01 2022, 05:09 PM IST

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शामली जनपद के कस्बा थानाभवन में कब्रिस्तान में अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण पर एसडीएम शामली राजस्व विभाग की टीम के साथ बुलडोजर लेकर पहुंचे। जहां उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि थानाभवन की कालरु पट्टी में स्थित कब्रिस्तान में करीब 13 सौ वर्ग मीटर कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध अतिक्रमण कर कब्जा करने की सूचना मिली थी। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत करीब 200 वर्ग मीटर पर किया गए। कब्जे को बुलडोजर से हटाया गया है। बाकी कई अतिक्रमणकारियों के खिलाफ चिन्हित कर एंटी भू माफिया की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि कालरू पट्टी  में ही हड़वाडो की 510 वर्ग मीटर सरकारी भूमि पर भी किसी ने अवैध निर्माण कर लिया था। उस निर्माण को भी बुलडोजर से हटाया गया है एसडीएम की इस कार्रवाई से अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया है।

वहीं दूसरी ओर  पूरे मामले में हैरत की बात यह है कि कब्रिस्तान की जगह में प्रधानमंत्री आवास योजना से भी मकान बनाए गए हैं वही भू माफियाओं ने कब्रिस्तान की भूमि का बैनामा भी कर दिया इसी भूमि में अवैध रूप से टावर भी लगाया गया है नगर पंचायत भी अतिक्रमण के इस मामले में पीछे नहीं है कब्रिस्तान में बनाए गए मकानों पर हाउस टैक्स भी लगाया गया है योगी सरकार में अतिक्रमणकारियों के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलने की खूब चर्चा हो रही है लेकिन अवैध अतिक्रमण में शामिल सफेदपोश लोगों पर कार्रवाई ना होने के कारण थानाभवन में ऐसे मामले काफी तादाद में है रेलवे स्टेशन के नजदीक ही कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध रूप से प्लॉटिंग की यह योजना ऐसे ही अमल में नहीं आई। इसमें नगर पंचायत के जिम्मेदार से लेकर कस्बे के कई सफेदपोश लोग भी शामिल हैं जिससे ऐसी जगह पर अवैध रूप से कब्जा किया जाता है। भू माफिया भोले भाले गरीब लोगों को ऐसी जगह पर कॉलोनी काटकर प्लाट बेच देते हैं लेकिन ऐसे मामलों में शामिल लोगों के गिरेबान तक कानून के हाथ नहीं पहुंच पाते जिस कारण सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे लगातार जारी है।

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