अमेरिका ईरान के बीच तनाव से मुश्किल में फंसा भारत, खतरे में पड़ी यह खास परियोजना

ईरान के चाबहार में अपने रणनीतिक बंदरगाह विकास परियोजना पर संभावित बुरे परिणामों ने भारत को चिंतित कर दिया है। इसके जरिए भारत पाकिस्तान से अलग अफगानिस्तान और मध्य एशिया से समुद्री संपर्क स्थापित करता है।
 

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शुक्रवार को इराक की राजधानी बगदाद में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक शीर्ष ईरानी जनरल की हत्या के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ईरानी विदेश मंत्री जवाद जरीफ और अमेरिका के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ से बात की और इस मामले में भारत की चिंताओं को सामने रखा। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।

ईरान के चाबहार में अपने रणनीतिक बंदरगाह विकास परियोजना पर संभावित बुरे परिणामों ने भारत को चिंतित कर दिया है। इसके जरिए भारत पाकिस्तान से अलग अफगानिस्तान और मध्य एशिया से समुद्री संपर्क स्थापित करता है।

ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने से उन भारतीय निजी कंपनियों को धक्का पहुंच सकता है, जो चाबहार बंदरगाह परियोजना का हिस्सा हैं। उनके निवेश पर संभावित प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और आने वाले दिनों में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उठाए जाने वाले किसी भी संभावित आर्थिक दंडात्मक कदम का असर इन पर हो सकता है। ईरान में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के साथ यह संभव है। इस मामले में भारत की स्थिति अजीब ही है, क्योंकि ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उसके अच्छे संबंध हैं।

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