हमारे देश में पिछड़े कस्बाई और ग्रामीण इलाकों में सेनेटरी पैड के उपयोग को लेकर महिलाएं जागरूक नहीं हैं। इससे कई तरह की बीमारियां फैलती हैं। वहीं, मार्केट में अभी जो सेनेटरी पैड्स एवेलेबल हैं, उनका सही ढंग से निस्तारण नहीं हो पाता है और वे बायो मेडिकल कचरे के रूप में पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाते हैं।