महाकुंभ 2025 में कहां से आया तैरता पत्थर, बाबा ने बताया त्रेतायुग का कनेक्शन
आध्यात्म, आस्था और विश्वास से भरी महाकुंभ की पवित्र नगरी इन दिनों साधु-संतों और श्रद्धालुओं से गुंजायमान है। हर तरफ 'हर-हर महादेव' और 'बम-बम भोले' के जयकारों की गूंज है। इसी भक्तिमय वातावरण में जूना अखाड़ा के नागा संन्यासी वृहस्पति गिरी महाराज ने एक अद्भुत चमत्कारी पत्थर प्रदर्शित किया है, जिसे रामेश्वरम सेतु में प्रयोग किया गया था। इस पत्थर की खासियत है कि यह पानी में तैरता है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में यह पत्थर श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है। हर दिन हजारों श्रद्धालु इस पत्थर के दर्शन के लिए आ रहे हैं। दर्शन कर श्रद्धालु न केवल सिर झुकाते हैं, बल्कि अपनी सामर्थ्य अनुसार दान भी करते हैं।