मीडिया के सामने चाचा पर खूब बरसे चिराग, कहा- मैं रणछोड़ नहीं जंग अभी जारी है
वीडियो डेस्क। लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) में मचे घमासान के बीच अध्यक्ष पद से हटाए गए चिराग पासवान बुधवार को मीडिया के सामने अपने चाचा पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि जब मैं बीमार थी तो मेरे पीठ पीछे कुछ लोगों ने साजिश की है। अभी ये लड़ाई लंबी है। चुनाव में LJP को सफलता मिली, लेकिन इसमें चाचा की कोई भूमिका नहीं है।
वीडियो डेस्क। लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) में मचे घमासान के बीच अध्यक्ष पद से हटाए गए चिराग पासवान बुधवार को मीडिया के सामने अपने चाचा पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि जब मैं बीमार थी तो मेरे पीठ पीछे कुछ लोगों ने साजिश की है। अभी ये लड़ाई लंबी है। चुनाव में LJP को सफलता मिली, लेकिन इसमें चाचा की कोई भूमिका नहीं है। LJP ने कभी सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। LJP को तोड़ने की पहले भी कोशिश हुई है। मुझसे कहते, मैं खुद उन्हें पद दे देता। चाचा को गलत तरीके से नेता चुना गया। मैंने पार्टी और परिवार को एकजुट रखने की कोशिश की। चाचा से बातचीत की कोशिश की। भविष्य में कानूनी लड़ाई को तैयार हूं। इसके साथ ही चिराग ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। इसमें कहा, "पशुपति कुमार पारस को लोकसभा में लोजपा का नेता घोषित करने का निर्णय हमारी पार्टी के संविधान के प्रावधान के विपरीत है।" उन्होंने अध्यक्ष से उनके पक्ष में नया सर्कुलर जारी करने का अनुरोध किया।आपको बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के एक साल बाद ही पार्टी दो फाड़ हो गई है। पशुपति पारस राम विलास पासवान के तीसरे नंबर के भाई और चिराग पासवान के चाचा हैं। वह बिहार में हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से एलजेपी के सांसद हैं। बताया जाता है कि एलजेपी में इस तरह के बदलाव की पूरी पटकथा खुद पशुपति ने लिखी थी। उन्होंने पूरे प्लान के साथ यह फैसला लिया है। यह कोई अचानक नहीं लिया गया है। इसके लिए पिछले कुछ दिनों से मंथन जारी था। लेकिन पार्टी के पांच सांसदों के साथ रविवार शाम हुई बैठक में इस पर फाइनल मुहर लगा दी गई।