पीएम मोदी के आने की खुशी लोगों ने किया डांस, हाथ में तिरंगा लेकर मनाई खुशी

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले असम दौरे पर  गुवाहाटी पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी हाल ही में हुए बोडो समझौते को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए असम के कोकराझार का दौरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोकराझार में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस जनसभा का आयोजन बोडो समझौता के उपलक्ष्य में किया गया है। पीएम मोदी के आगमन से पहले समारोह स्थल पर तिरंगा हाथ में ले नाचते-थिरकते लोग। 

/ Updated: Feb 07 2020, 12:59 PM IST

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वीडियो डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले असम दौरे पर  गुवाहाटी पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी हाल ही में हुए बोडो समझौते को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए असम के कोकराझार का दौरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोकराझार में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस जनसभा का आयोजन बोडो समझौता के उपलक्ष्य में किया गया है। पीएम मोदी के आगमन से पहले समारोह स्थल पर तिरंगा हाथ में ले नाचते-थिरकते लोग। 

यह है बोडो समझौता 
बोडो समझौता असम के बोडो आदिवासियों को कुछ राजनीतिक अधिकार और कुछ आर्थिक पैकेज मुहैया कराएगा। असम की क्षेत्रीय अखंडता बरकरार रखी जाएगी तथा एनडीएफबी की अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की प्रमुख मांग नहीं मांगी गई है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि समझौता राज्य के विभाजन के बिना संविधान की रूपरेखा के अंदर किया गया है। गृहमंत्री समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने को लेकर बहुत उत्सुक थे ताकि असम में बोडो उग्रवाद समाप्त किया जा सके।

क्या है बोडो विवाद
बोडो असम का सबसे बड़ा आदिवासी समुदाय है जो राज्य की कुल जनसंख्या का 5 से 6 प्रतिशत है। लंबे समय तक असम के बड़े हिस्से पर बोडो आदिवासियों का नियंत्रण रहा है। असम के चार जिलों कोकराझार, बाक्सा, उदालगुरी और चिरांग को मिलाकर बोडो टेरिटोरिअल एरिया डिस्ट्रिक्ट का गठन किया गया है। बोडो लोगों ने वर्ष 1966-67 में राजनीतिक समूह प्लेन्स ट्राइबल काउंसिल ऑफ असम के बैनर तले अलग राज्य बोडोलैंड बनाए जाने की मांग की। यह विरोध इतना बढ़ गया कि केंद्र सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि  कानून, 1967 के तहत एनडीएफबी को गैर कानूनी घोषित कर दिया।