जानें आखिर क्यों बढ़ती जा रही है सर्दी... यूपी के आगरा में तो तापमान 1 डिग्री से भी कम

बे मौसम बारिश, गर्मी के मौसम में बेतहाशा गर्मी... और सर्दी के मौसम में ठिठकाती सर्दी। कभी बाढ़ कभी सूखा... ये प्रकृति में हो रहे वे बदलाव हैं जिंहें वैज्ञानकि भी नहीं भांप पा रहे हैं। इस साल सर्दी ने सारे रिकोर्ड तोड़ दिए हैं। 

/ Updated: Jan 02 2020, 09:06 PM IST

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वीयो। बे मौसम बारिश, गर्मी के मौसम में बेतहाशा गर्मी... और सर्दी के मौसम में ठिठकाती सर्दी। कभी बाढ़ कभी सूखा... ये प्रकृति में हो रहे वे बदलाव हैं जिंहें वैज्ञानकि भी नहीं भांप पा रहे हैं। इस साल सर्दी ने सारे रिकोर्ड तोड़ दिए हैं। दिसंबर के महीने में ही तापमान 1 से 2 डिग्री तक पहुंच गया। तो वहीं नए साल की दस्तक में भी सर्दी पीछा नहीं छोड़ रही है। कई मैदानी ईलाकों में सर्दी ने हाल बेहाल कर दिया है। ज्यादा सर्दी पड़ने की वजह जलवायु परिवर्तन को बताया जा रहा है। जिसका असर पूरी दुनिया पर है। और यही वजह है कि कभी ज्यादा गर्मी पड़ती है तो कभी ज्यादा सर्दी। जलवायु परिवर्तन की वजह से सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में परिस्थितियां काबू से बाहर हो रही हैं.
वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्दी इस बात पर भी निर्भर करती है कि जम्मू कश्मीर, लद्धाख और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी इलाकों में कितनी बर्फबारी हुई है। पहाड़ों पर जो भी स्थिती रहती है उसी से मैदानी भागों की सर्दी का अंदाजा लगाया जाता है। 
सर्दी तय करने के लिए मौसम विभाग ने कुछ पैमाने तय कर रखे हैं। जिसमें बताया है कि अगर दिन में अधिकतम तापमान, सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री सेल्सियस तक नीचे रहता है, तो ऐसे दिन को सर्द दिन कहते हैं. वहीं अगर दिन का अधिकतम तापमान, सामान्य तापमान से 6.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे तक रहता है तो इसे बहुत अधिक सर्दी पड़ना कहते हैं. और अगर अधिकतम तापमान, सामान्य तापमान से 7 से 12 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है तो इसे कड़ाके की ठंड पड़ना कहते हैं.
इस बार जो कड़ाके की ठंड पड़ रही है उसकी मुख्य वजह है वेस्टर्न डिस्टरबेंस का लगातार पैदा होना भी है। ये मध्यम से लेकर तीब्र गति तक रहा है। उत्तरपश्चिम की तरफ बहने वाली हवा का स्तर भी नीचे रहा है। इसकी वजह से भी ठंड बढ़ी है। तो वहीं पाकिस्तान और भारत के बड़े भूभाग में निचले स्तर पर बने घने बादलों ने सूर्य की किरणों को ढंक रखा है। ये स्थिति लगातार बनी हुई है। जिसकी वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। आने वाले कुछ समय में अभी ये स्थिति बदलने नहीं वाली है।