2018 में समलैंगिक जोड़े ने की थी शादी, 2 साल बाद भी सरकार ने नहीं दी मान्यता

एक समलैंगिक जोड़े ने केरल उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है,  जिसमें कहा गया है कि विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधान भेदभावपूर्ण हैं, क्योंकि इसमें समलैंगिक विवाह के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी गई है।
 

/ Updated: Jan 28 2020, 09:19 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

एक समलैंगिक जोड़े ने केरल उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है,  जिसमें कहा गया है कि विशेष विवाह अधिनियम के प्रावधान भेदभावपूर्ण हैं, क्योंकि इसमें समलैंगिक विवाह के पंजीकरण की अनुमति नहीं दी गई है।

यह याचिका निकेश उषा पुष्करन और सोनू एम एस द्वारा संयुक्त रूप से दायर की गई थी। इन्होंने जुलाई 2018 में गुरुवायुरप्पन मंदिर में एक-दूसरे को अंगूठियां पहना कर शादी की थी और उन्हें अपने परिवार का समर्थन भी हासिल था। हालांकि, उनकी शादी अभी तक वैध नहीं मानी गई है।

उनकी याचिका में कहा गया है कि अधिकारी विशेष विवाह अधिनियम के तहत उनकी शादी को पंजीकृत करने के लिए उनके आवेदन पर निर्णय नहीं ले रहे हैं। याचिका के माध्यम से कपल ने तर्क दिया कि उनकी शादी को मान्यता नहीं देना समानता के सिद्धांतों, व्यक्तिगत गरिमा और व्यक्तिगत स्वायत्तता का उल्लंघन है, जो संविधान के तहत निर्धारित किया गया है।

उच्च न्यायालय में न्यायाधीश ने उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया है और राज्य सरकार और केंद्र को इस संबंध में नोटिस भेजा है।