ईशा फाउंडेशन पर लगे जबरन पैसा उगाहने के आरोप, कर्नाटक उच्च न्यायालय करेगा मामले की जांच

चीफ जस्टिस अभय ओका और जस्टिस हेमंत चंदंगौदर की खंडपीठ ईशा फाउंडेशन के खिलाफ किसानों से कावेरी कॉलिंग इनिशिएटिव के लिए पैसा इकट्ठा करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
 

/ Updated: Jan 08 2020, 08:03 PM IST
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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सद्गुरु जग्गी वासुदेव द्वारा संचालित ईशा फाउंडेशन को कावेरी कॉलिंग इनिशिएटिव के लिए एकत्र की गई राशि और धन उगाहने के तरीके के बारे में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर करने को कहा है।

चीफ जस्टिस अभय ओका और जस्टिस हेमंत चंदंगौदर की खंडपीठ ईशा फाउंडेशन के खिलाफ किसानों से कावेरी कॉलिंग इनिशिएटिव के लिए पैसा इकट्ठा करने की याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने यह भी कहा कि नदी के कायाकल्प के लिए  जागरूकता पैदा करना एक अच्छी बात है, लेकिन जबरन धन इकट्ठा नहीं किया जाना चाहिए। पीठ ने राज्य सरकार की इस बात के लिए आलोचना की है कि उसने कथित रूप से लोगों से जबरन धन इकट्ठा करने वाले ईशा फाउंडेशन की शिकायतों की जांच नहीं करवाई।

राज्य ने अदालत को सूचित किया कि उसे इसके बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है और उसने धन एकत्र करने के लिए फाउंडेशन को अधिकृत नहीं किया है। सरकारी वकील ने यह तर्क देते हुए कहा कि राज्य ने ईशा फाउंडेशन को सरकारी भूमि पर कोई काम करने की अनुमति नहीं दी है।