लग्जरी कारों को छोड़ बहन के घर बैलगाड़ी से पहुंचा भाई...विधायक ने थामीं बैलों की डोर, देखिए शानदार वीडियो

राजस्थान के भीलवाड़ा में अनोखा नजारा देखने को मिला। जहां बहन के घर शादी में भाई भात भरने के लिए बैलगाड़ी से पहुंचे हुए थे। इतना ही नहीं यहां से विधायक भी 2 किलोमीटर तक बैलगाड़ी को पकड़कर चलते रहे। यह नजारे देखकर करीब 100 साल पुराना दृश्य ताजा हो गए।
 

/ Updated: Dec 14 2022, 12:41 PM IST
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भीलवाड़ा. राजस्थान हमेशा अपने यहां निभाई जाने वाली परंपराओं और शाही शादियों के लिए अपनी पहचान रखता है। लेकिन हाल ही में भीलवाड़ा में एक शादी ऐसे हुई। जब भात के नजारे को देखकर करीब 100 साल पुराना दृश्य ताजा हो गया। यहां एक बहन के घर भात भरने के लिए उसके पीहर के लोगों के गाड़ियों की वजह बैलगाड़ी में सवार होकर आए। सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि इन बैल गाड़ियों की कमान वहीं के एक विधायक ने संभाली। विधायक करीब 2 किलोमीटर तक बैलगाड़ी को पकड़कर चलते रहे। वही इन बैलगाड़ियों को आगे - आगे डीजे भी बजता रहा।

 2 किलोमीटर तक बैलगाड़ी की रस्सी पकड़कर चले विधायक
दरअसल, भीलवाड़ा के मांडलगढ़ के होड़ा गांव के रहने वाले पांच भाई भैरू लाल श्याम लाल मोहनलाल महावीर और नारायण अपनी बहन की बेटी की शादी में भात भरने के लिए गए थे। ऐसे में इन्होंने मैंने किया कि क्यों ना माई रे में जाने के लिए गाड़ियों की बजाय बैलगाड़ी बुलाई जाए। जब मायरा वहां पहुंचा तो विधायक गोपाल खंडेलवाल भी इससे काफी मोटिवेट हुए और 2 किलोमीटर तक बैलगाड़ी की रस्सी पकड़कर आगे चलते हुए दिखाई दिए।

सुकून देती हैं पुरानी परंपराएं ...
इस बारे में विधायक गोपाल खंडेलवाल का कहना है कि जब हम छोटे थे तब ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन का कोई भी साधन नहीं था। शादी हो या अन्य कोई कार्यक्रम सभी लोग इसी तरह आया जाया करते थे। यहां तक कि बरात भी गाड़ियों में ही आती थी। इस तरह मायरा आते हुए देख वह पुराना पल ताजा हो गया और सुकून मिला है। चाहे हम कितने ही आधुनिक क्यों ना हो जाए हमें इस तरह की पुरानी परंपराएं जारी ही रखनी चाहिए। जिससे कि हम अपनी जड़ों में लौटते रहे।

जब 51 ऊंटों के साथ बारात लेकर पहुंचा था दूल्हा
यह पहला मामला नहीं है जब राजस्थान में किसी शादी या मायरा में इस तरह से लोग गाड़ियों या बैलगाड़ी में सवार होकर आए हो। हाल ही में बाड़मेर में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जब 51 ऊंटों के साथ दूल्हा बारात लेकर पहुंचा था।