देवबंद में जमीयत उलेमा हिंद का सम्मेलन, कई मुद्दों पर चर्चा में 5000 मुस्लिम बुद्धिजीवी होंगे शामिल

25 राज्यों से लगभग 5000 मुस्लिम संगठनों के अगुआ इसमें जुड़ेंगे। बताया गया इस अधिवेशन में आम जन शिरकत नहीं करेंगे। सम्मेलन को लेकर पुलिस भी पूरी तरह से मुस्तैद है। 

/ Updated: May 28 2022, 12:52 PM IST

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मुस्लिम संगठन 'जमीयत उलेमा हिंद'  28 और 29 तारीख को देवबंद में बड़ा सम्मेलन करने जा रहा है। इस सम्मेलन में ज्ञानवापी और दूसरे बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी और भविष्य को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। इस सम्मेलन में देशभर के 5000 मुस्लिम बुद्धिजीवी हिस्सा लेंगे। ये सम्मेलन जमीयत के दूसरे धड़े मौलाना महमूद मदनी की अगुवाई में किया जा रहा है। देशभर में पिछले कुछ महीनों से वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के साथ अन्य तमाम इमारतों को लेकर हो रहे कानूनी मुकदमों और विवादों को लेकर मुस्लिम संगठन लगातार गोलबंदी करते हुए नजर आ रहे हैं। इस सम्मेलन में मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े कई प्रस्ताव भी पास किए जाने की संभावना है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में इस्लामिक शिक्षा का अंतरराष्ट्रीय केंद्र दारुल उलूम भी है।
जमीयत उलेमा ए हिंद मदनी गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद मौलाना महमूद असद मदनी ने अधिवेशन का झंडा फहराकर शुरुआत की।  3 सत्र में 2 दिन तक यह कार्यक्रम चलेगा। 25 राज्यों से लगभग 5000 मुस्लिम संगठनों के अगुआ इसमें जुड़ेंगे। इस अधिवेशन में आम जन शिरकत नहीं करेंगे।  वही संभावना है कि ज्ञानवापी क़ुतुब मीनार ताजमहल और जैसे धार्मिक मुद्दे शामिल हो सकते हैं। इस बैठक में देश के मौजूदा हालात और ज्ञानवापी समेत विभिन्न धार्मिक स्थलों को लेकर बढ़ रहे विवाद कॉमन सिविल कोड मुस्लिम वक्त एवं मुस्लिमों की शिक्षा आदि पर विशेष चर्चा होगी। इस अधिवेशन में ममता सरकार में मंत्री सिद्दीकी उल्लाह चौधरी और दारूल उलूम के मोहतमिम अबुल कासमी नोमानी शिरकत कर चुके हैं।  यहां पर एक कंपनी पीएससी तीन पुलिस निरीक्षक 10 उप निरीक्षक 6 महिला कॉन्स्टेबल और 40 सिपाहियों की तैनाती की गई है। तीन सत्रों में कई मुद्दों पर चर्चा होगी।