काशी में मनाया गया बाबा कालभैरव का वार्षिक श्रृंगार महोत्सव, भजनों से गूंज उठा पूरा मंदिर प्रांगण
काशी कोतवाल श्री 1008 बाबा कालभैरव के वार्षिक महोत्सव में गुरुवार को बाबा की नयनाभिराम झांकी देख श्रद्धालु निहाल हो गये। दरबार में दर्शन पूजन के लिए सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। महोत्सव का शुभारंभ प्रातः 5 बजे से हुआ। मंदिर के महंत पं० सुमित उपाध्याय ने बाबा के विग्रह को पंचमेवा स्नान कराया।
वाराणसी: काशी कोतवाल श्री 1008 बाबा कालभैरव के वार्षिक महोत्सव में गुरुवार को बाबा की नयनाभिराम झांकी देख श्रद्धालु निहाल हो गये। दरबार में दर्शन पूजन के लिए सुबह से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। महोत्सव का शुभारंभ प्रातः 5 बजे से हुआ। मंदिर के महंत पं० सुमित उपाध्याय ने बाबा के विग्रह को पंचमेवा स्नान कराया। इसके बाद नवीन वस्त्र पहनाकर मनमोहक झांकी सजाई। भोग और आरती के बाद मंदिर का कपाट भक्तों के लिए खोल दिया गया।
वार्षिक श्रृंगार में कालभैरव चौराहे पर दोपहर 12 बजे से विशाल भंडारा भी शुरू हो गया, जो देररात तक चलेगा। मंदिर के पूर्व महंत स्व० प्रदीपनाथ उपाध्याय को इस दौरान श्रद्धांजलि भी दी गई। दोपहर में भोग आरती के बाद बाबा के विग्रह को नया रजत मुखौटा लगाकर झांकी सजायी गयी। इसके बाद विभिन्न प्रकार के मिष्ठान, फल, पकवान, मदिरा का भोग लगाकर आरती की गई फिर मंदिर का कपाट पुनः खुला। अपराह्न 4 बजे से मंदिर में चारों वेदों की ऋचाओं से बाबा की बसंत पूजा की गयी। इसी क्रम में शाम 6 बजे से भजन संध्या और मध्यरात्रि में सवा लाख बत्तियों से बाबा की महाआरती होगी। महोत्सव में पूरे मंदिर परिसर को कामिनी की पत्ती और देशी-विदेशी फूलों से सजाया गया है।