आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुआ बरेली का लाल, जवान सौरभ राणा को लोगों ने दी अश्रुपूरित अंतिम विदाई
श्रीनगर के गुरेज सेक्टर में एलओसी पर आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में वीरगति प्राप्त करने वाले भारतीय सेना के जवान सौरभ राणा का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके गृह शहर बरेली पहुंचा तो हर आंख अपने सपूत के बलिदान से नम हो गई। रविवार को दोपहर हुई सौरभ की वीरगति के बाद से ही बरेली शहर में हर कोई अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए उनका इंतजार कर रहा था लेकिन सेना की टुकड़ी मंगलवार को सुबह तक पार्थिव शरीर के संग बरेली पहुंच पाई।
बरेली: श्रीनगर के गुरेज सेक्टर में एलओसी पर आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में वीरगति प्राप्त करने वाले भारतीय सेना के जवान सौरभ राणा का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके गृह शहर बरेली पहुंचा तो हर आंख अपने सपूत के बलिदान से नम हो गई। रविवार को दोपहर हुई सौरभ की वीरगति के बाद से ही बरेली शहर में हर कोई अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए उनका इंतजार कर रहा था लेकिन सेना की टुकड़ी मंगलवार को सुबह तक पार्थिव शरीर के संग बरेली पहुंच पाई।
शहर में सनसिटी विस्तार स्थित आवास पर पार्थिव शरीर रखा गया। इसके पश्चात वीर सपूत सौरभ के अंतिम दर्शन के लिए जैसे समूचा शहर ही उमड़ पड़ा। शहीद की शव यात्रा में भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। घर से लेकर शमशान भूमि तक उमड़े लोग जब तक सूरज चंद रहेगा, सौरभ तेरा नाम रहेगा के नारे लगाते रहे। ए मेरे वतन के लोगों तुम खूब लगा लो नारा...गीत अपनी धुन के साथ समूचे माहौल को ही भाव विभोर कर दे रहा था। लोगों ने वंदे मातरम के उदघोष के मध्य भारत माता की जा के नारे लगाए।
शमशान भूमि पर पूरे सैनिक सम्मान के साथ बलिदानी सौरभ राणा को मुखाग्नि दी गईं। इस दौरान हर आंख नम थी और हर कोई उदास। सौरभ के परिजन अपने लाल की बिछड़ने का गम छुपा नहीं पा रहे थे। पिता, मां, भाई, पत्नी और दोनों छोटे बेटों का रो-रोकर बुरा हाल था। अंतिम यात्रा में शामिल हुए बरेली के मेयर डॉ। उमेश गौतम ने वीर बलिदानी सौरभ राणा के नाम पर सनसिटी स्थित उनके घर के पास शहीद गेट बनवाने की घोषणा की है। बात दें कि बरेली के सौरभ राणा 9 राजपूत रेजिमेंट में जवान थे। उनकी तैनाती पिछले चार साल से श्रीनगर में थी। सौरभ के पिता राजकुमार राणा भी राजपूत रेजिमेंट से रिटायर्ड हवलदार हैं। सौरभ के दो छोटे बेटे हैं।