श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में लिया गया बड़ा फैसला, परिसर को बनाया जाएगा सर्वसमाज का मंदिर
राममंदिर परिसर को बनाया जाएगा सर्वसमाज का मंदिर। रामलला के साथ 70 एकड़ में 6 और मंदिर जैसे गणपति ,माता शबरी, माता सीता, गिद्धराज जटायु, महर्षि बाल्मीकि, निषादराज का भी मंदिर बनेगा। निर्माण का 30 प्रतिशत काम पूरा। दिसंबर 2023 तक भगवान को गर्भ गृह में विराजमान कराने की पूरी कोशिश ट्रस्ट कर रहा है।
अयोध्या: श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। राममंदिर परिसर को बनाया जाएगा सर्वसमाज का मंदिर। रामलला के साथ 70 एकड़ में 6 और मंदिर जैसे गणपति ,माता शबरी, माता सीता, गिद्धराज जटायु, महर्षि बाल्मीकि, निषादराज का भी मंदिर बनेगा। निर्माण का 30 प्रतिशत काम पूरा। दिसंबर 2023 तक भगवान को गर्भ गृह में विराजमान कराने की पूरी कोशिश ट्रस्ट कर रहा है। राजस्थान के भरतपुर से पत्थर आरमी की कानूनी बाधाएं समाप्त हो गई है। उन्होंने बताया नवनिर्मित मंदिर के गर्भ गृह में रामलला का अचल विग्रह स्थापित किया जाएगा और जो वर्षों से रामलला तथा उनके भाइयों के जिन विग्रह की पूजा हो रही है, उन्हें गर्भगृह में चल विग्रह या उत्सव विग्रह के रूप में स्थान मिलेगा। यह विग्रह विभिन्न उत्सव के अवसर पर जरूरत के हिसाब से गर्भ ग्रह से बाहर भी लाए जा सकेंगे, जबकि अचल विग्रह अपनी जगह पर स्थापित होने के बाद सदियों के लिए उसी स्थान पर रहेंगे। बैठक में रामलला के अचल विग्रह एवं मंदिर में स्थापित होने वाले शालिग्राम के रंग रूप पर भी विचार विमर्श किया गया है। सफेद और काले रंग के शालिग्राम भगवान की शिला नेपाल स्थित सुप्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र मुक्तिनाथ से लाई जाएगी।