फर्जी नियुक्ति पत्र देकर 200 से अधिक लोगों के साथ की ठगी, नौकरी के नाम पर जालसाजी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

कासगंज में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का कोतवाली सिढ़पुरा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ठगी करने वाला ये गिरोह करीब 200 लोगों से नोकरी के नाम पर ठगी कर चुका है। लोगों से नोकरी के नाम पर लगभग 35 लाख रुपयों की ठगी कर चुका है।

/ Updated: May 08 2022, 08:59 PM IST
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कासगंज:  जनपद में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का कोतवाली सिढ़पुरा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ठगी करने वाला ये गिरोह करीब 200 लोगों से नोकरी के नाम पर ठगी कर चुका है। लोगों से नोकरी के नाम पर लगभग 35 लाख रुपयों की ठगी कर चुका है।


फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया
5 मई को थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के कलानी गांव के रहने वाले जितेन्द्र सोलकी ने सिढ़पुरा थाने पर तहरीर देकर बताया कि उसके पास करीब एक वर्ष पूर्व सिकहरा गांव का रहने वाला कुलदीप आया। कुलदीप ने मेरी पुत्री महक सोलकी के नाम से गुलनाज प्रशिक्षण केन्द्र (N.G.O) खुलवाने के लिए 3500 रूपये सिक्योरिटी देने के लिये कहा। फिर बाद में मेरी लड़की महक को प्रत्येक माह 3500 रूपये वेतन के रूप मे देना बताया। कुलदीप शर्मा की बातों पर भरोसा करके मेरे द्वारा उन्हे 3500 रूपये दे दिये गये। इसके बाद कुलदीप शर्मा ने एक फर्जी नियुक्ति पत्र, आई कार्ड व तीन कुर्सी एक टेवल दीऔर बाकी सामान बाद में देने तथा लड़की का वेतन अगले माह से शुरु करने की बात कही।

नहीं मिला कोई वेतन
लड़की को कई माह तक वेतन नहीं मिला। जितेंद्र सोलंकी ने जानकारी की तो पता चला कि गुलनाज प्रशिक्षण संस्थान संचालक अकरम सिद्दकी व सलमान सिद्दकी जिनके साथी नितेश प्रशान्त उपाध्याय रवि कुमार, गजेन्द्र सिंह ओर अन्य करीब 50 व्यक्तियों का एक गिरोह है। जो जनपद कासगंज एवं कासगंज के बाहर करीब 500 महिलाओं से रूपये लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र व आई कार्ड देकर ठगी की शिकार बनाया है। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

2017 में रजिस्टर्ड करायी गयी थी
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उसने व उसके भाई ने एक कम्पनी गुलनाज प्रशिक्षण केन्द्र के नाम से वर्ष 2017 में रजिस्टर्ड करायी गयी थी। जिसमें उनके द्वारा दो जिला प्रभारी 45 सुपरवाइजर एवं ग्राम सभा सतर पर 450 सेन्टर बनाये गये थे। जिला प्रभारियों से 50-50 हजार रूपये, सुपरवाइजरों से 40 हजार रूपये तथा सेन्टर पर नियुक्त टीचरों से 3500 रूपये एडवांस के तोर पर सिक्योरिटी के रूपमें कहकर लिये गये थे जिसके लिए हमने जिला प्रभारी को प्रति माह 20 हजार रूपये, सुपरवाइजरो को 15 हजार एवं सेन्टर पर टीचर्स को 3500 रूपये प्रति माह वेतन के रूप में दिये जाने के वायदा किया था। जबकि मेरे द्वारा किसी को कोई भी वेतन नहीं दिया गया है। ये सब रूपये मेरे भाई अकरम व साथियों द्वारा आपस में बांटकर खर्च कर लिया गया है वही पुलिस ने सलमान और नितेश नाम के आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।