तूल पकड़ रहा ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद, संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद ने रखी ये मांग
जिला न्यायालय द्वारा शृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर आगामी 6 मई को मस्जिद और शृंगार गौरी की वीडियोग्राफी और निरीक्षण का आदेश दिया है। इस आदेश पर मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सचिव यासीन सईद ने इसे न करवाने की डीएम और पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई है। इस बात के सामने आते ही अखिल भारतीय संत समिति ने इस मामले का विरोध करना शुरू कर दिया है।
वाराणसी: जिला न्यायालय द्वारा शृंगार गौरी मामले में कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर आगामी 6 मई को मस्जिद और शृंगार गौरी की वीडियोग्राफी और निरीक्षण का आदेश दिया है। इस आदेश पर मस्जिद इंतजामिया कमेटी के सचिव यासीन सईद ने इसे न करवाने की डीएम और पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई है। इस बात के सामने आते ही अखिल भारतीय संत समिति ने इस मामले का विरोध करना शुरू कर दिया है।
पर्याप्त सुरक्षा के बीच प्रशासन करवाए सर्वे
इसी क्रम में अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने प्रेस कांफ्रेंस कर कोर्ट के आदेश न मानने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश संविधान के आलोक में अदालत के निर्णयों से चलेगा या फिर एसएम यासीन की गुंडई से चलेगा। भड़काऊ बयानों से देश का वातावरण बिगाड़ने और अदालत की अवमानना के लिए एसएम यासीन को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिए। साथ ही राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को हीलाहवाली करने की बजाय 6 मई, शुक्रवार के दिन सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था करते हुए सर्वेक्षण का कार्य पूरा कराना चाहिए।
पहले भी हो चुका है सर्वे
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि वाराणसी के जिला न्यायालय ने शृंगार गौरी में निरीक्षण के लिए एक टीम गठित की है जो 6 मई को विवादित परिसर में जाकर वीडियोग्राफी और निरीक्षण करेगी। मुस्लिम पक्ष कह रहा है कि अदालत द्वारा नियुक्त की गई सर्व टीम को मस्जिद में घुसने नहीं देंगे। अंजुमन इतआमिया मस्जिद कमेटी का आरोप है कि हिन्दू लोग इस सर्व के आड़ में मस्जिद में प्रवेश करना चाहते हैं। तो उन्होंने बताना चाहते हूं कि ऐसा नहीं है कि विवादित परिसर का सर्वेक्षण पहली बार हो रहा है।
स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि अदालत में तो आप यह कहते हो कि मस्जिद में किसी को केवल गैर मुस्लिम होने के आधार पर जाने से नहीं रोका जा सकता लेकिन अब अदालत के बाहर चैनलों पर कह रहे हो कि मस्जिद के अंदर मुसलमानों और सुरक्षाकमियों के अतिरिक्त कोई नहीं जा सकता। हम अदालत के आदेश पर गठित टीम को भी मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे।