रात में हो रहे खनन पर अंकुश लगाने में प्रशासन नाकाम, ADM बोलीं- जब चौकीदार चोर है तो हम किसके लिए कहें
हरदोई जनपद में रात में हो रहे खनन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से नाकाम नजर आ रहा है। इसी बीच अधिकारी भी कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं।
हरदोई जनपद में खनन का कारोबार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। जब शहर के मुख्य मार्गों का ये हाल है तो ग्रामीण अंचलों में क्या ही हाल होगा। भूमाफियाओं की ऊपर से नीचे तक सेटिंग होने के चलते बदस्तूर खनन का खेल जारी है। जिससे जिम्मेदार भी खनन माफियाओं पर कार्यवाही करने से हिचकते नजर आते है। अवैध खनन का वीडियो वायरल होने के बाद जिले में तमाम तरह की चर्चा आम है। जब जिम्मेदार अधिकारियों से इस संबंध में बात की जाती है तो वह कुछ भी बोलने से इंकार कर देते है।
आपको बताते चले कि शहर के मुख्य मार्गों पर इस तरह से खनन का खेल जारी है। जिस पर अंकुश लगाने में प्रशासन नाकाम है। दबंग खनन माफिया धरती का सीना चीरने का काम कर रहे है। जिससे अधिकारी जानकर भी अंजान बने है, और धड़ल्ले से खनन माफियाओं को संरक्षण देने का काम कर रहे है। बीजेपी सरकार बनते ही अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए थे। जिसके वाबजूद सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में अधिकारी खुलेआम मिट्टी का खनन करवा रहे है। अवैध खनन का काला कारोबार रद्धेपुरवा रोड के सधई बेहटा, झरोईया, लखनऊ रोड पर कंडौना, बहर, बिलग्राम चुंगी और बावन रोड पर किया जा रहा है। खनन माफिया देर रात से सुबह 5 बजे तक खनन करते है, जिसमें खुलेआम धरती का सीना चीरने का काम किया जा रहा है।
जब इस संबंध में सदर एसडीएम स्वाति शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। साथ ही टीम बनाकर छापा मारने की बात कही है। इसके बाद एडीएम वंदना त्रिवेदी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ये कैसे साबित होगा कि यह वीडियो यहां का है, किसी और जनपद का भी हो सकता है। जिससे इस पर कार्यवाही करना आसान नहीं है, फिर कुछ देर बाद बोली कि जब चौकीदार खुद ही चोर है तो हम किसके लिए कहे, जिसको कार्यवाही करनी चाहिए वह अनभिज्ञ है। हालांकि एक मातहत को बुलाकर जहां -जहां खनन हो रहा है, उसके बारे में नोट कराया और कहा कि वहां छापेमारी कर कार्यवाही करिए। जबकि वीडियो में साफ तौर एक स्थानीय युवक की आवाज सुनाई पड़ रही है, लेकिन अधिकारी खनन के कार्य से बिल्कुल अनभिज्ञ है। जिससे यह साफ जाहिर होता है कि अधिकारी सब कुछ जानकार अंजान बने है तो क्या ही होगा, और बदस्तूर जारी खनन पर कैसे रोकथाम होगा। यह अपने आप में एक बड़ा सवाल जरूर खड़ा करता है।