प्रधान के बारे में पूछे जाने पर मुंह चुराते नजर आए सचिव, पहचान नहीं लेकिन फिर भी जारी है भ्रष्ट्राचार का खेल

हरदोई में भ्रष्ट्राचार के खेल का एक मामला सामने आया है। यहां प्रधान के बारे में पूछने पर सचिव मुंह छिपाते नजर आए। इस पूरे मामले का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिना अभिलेखों के एक सादे कागज पर लिखकर जाँच की गई है।

/ Updated: Jun 20 2022, 02:58 PM IST

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हरदोई: पिहानी ब्लॉक के ग्राम पंचायत बिजगवां में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा पार हो गई है। बड़ी बात यह है कि ग्राम पंचायत अधिकारी विमलेश वर्मा वर्तमान प्रधान को नहीं जानते है। फिर भी एक वर्ष से विकास कार्य कराकर जमकर धांधली कर रहे है। जिसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें पूर्व प्रधान के विकास कार्यों की जाँच करने गए जिला उद्यान अधिकारी वर्तमान प्रधान के बारे में पूछने लगें, तो वहां मौजूद ग्राम पंचायत अधिकारी व अन्य लोग अपनी बगले झाँकते नजर आये। जब जाँच अधिकारी ने प्रधान के बारे में पूछा तो वहां मौजूद लोग एक अन्य व्यक्ति को प्रधान बताते नजर आये। लेकिन जब इस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई तो उक्त व्यक्ति ने कहा कि हम प्रधान प्रतिनिधि है। इस पर भी लोगों ने लिखित में प्रधान प्रतिनिधि व पैड के बारे में जानकारी चाही, तो वह वायरल वीडियो में कोई जानकारी नहीं दे सका। आश्चर्य की बात तो यह है कि ग्राम पंचायत अधिकारी विमलेश वर्मा ग्राम प्रधान के बारे में नहीं जानते है। ग्राम पंचायत बिजगवां के कार्य दलालों से मिलकर कराते है। ग्रामीणों के मुताबिक प्रधान को तो सिर्फ कठपुतली के लिए प्रयोग किया जाता है।

जबकि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश है कि किसी भी बैठक में जनप्रतिनिधि का प्रतिनिधि नहीं बैठेगा। तथा सिर्फ जनता के चुने हुए जनप्रतिनिधि को बैठक की अध्यक्षता करने का निर्देश दिया है। लेकिन बिजगवां में ग्राम पंचायत अधिकारी विमलेश वर्मा दलालों से मिलकर विकास कार्य कराते है। इसी के साथ जिस तरीके से कार्य होना चाहिए, उस तरीके से कार्य नहीं हो पा रहे है। वायरल वीडियो में जिला उद्यान अधिकारी सुरेश कुमार ग्राम पंचायत अधिकारी विमलेश वर्मा को फटकार लगाते नजर आ रहे है। बैठक में प्रधान के न उपस्थित होने पर नाराजगी व्यक्त करते वीडियो में साफतौर पर देखे जा रहे है।

जिला उद्यान अधिकारी ने नियमों को ताक पर रखकर पूर्व प्रधान के विकास कार्यों की जाँच की है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बिना अभिलेखों के एक सादे कागज पर लिखकर जाँच की गई है, जोकि नियमविरुद्ध है। ग्रामीणों ने जाँच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग की है। अब देखने वाली बात यह होगी कि खबर चलने के बाद जिला प्रशासन लापरवाह सम्बंधित जाँच कर्ताओ पर क्या कार्यवाही करता है।